शिवगढ़। ट्यूशन पढ़कर वापस जा रहे नौ छात्रों ने रास्ते में जहरीला फल खा लिया। घर पहुंचने के कुछ देर बाद बच्चों को उलटी शुरू हो गई। एक साथ सभी बच्चों की हालत बिगड़ने से गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों की मदद से सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार किया जा रहा है।
भौंसी गांव के नौ बच्चे गांव के ही रामचंद्र के यहां ट्यूशन पढ़ने गए थे। वापस घर लौटे तो बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। सभी बच्चों को उल्टियां होता देख परिवारजन परेशान हो गए। कुछ देर बाद तबीयत और बिगड़ी तो गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने एंबुलेंस से बीमार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
शिवगढ़। ट्यूशन पढ़कर वापस जा रहे नौ छात्रों ने रास्ते में जहरीला फल खा लिया। घर पहुंचने के कुछ देर बाद बच्चों को उलटी शुरू हो गई। एक साथ सभी बच्चों की हालत बिगड़ने से गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों की मदद से सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार किया जा रहा है। भौसी गांव के नौ बच्चे गांव के ही रामचंद्र के यहां ट्यूशन पढ़ने गए थे। वापस घर लौटे तो बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। सभी बच्चों को उल्टियां होता देख परिवारजन परेशान हो गए। कुछ देर बाद तबीयत और बिगड़ी तो गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने एंबुलेंस से बीमार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। हालांकि सभी बच्चों की हालत में चिकित्सक सुधार की बात कह रहे हैं।
केशव की नौ वर्षीय पुत्री प्रिया व सात वर्षीय रिया, रामकुमार का 12 वर्षीय पुत्र अंकुल, हरिश्चंंद्र की 10 वर्षीय पुत्री सोनी, सुखमीलाल की 10 वर्षीय पुत्री कंचन, रामस्वरूप का छह वर्षीय बेटा अंकुश व चार वर्षीय अर्पित, महेश की आठ वर्षीय पुत्री माही, मायाराम की नौ वर्षीय बेटी मोनिका
ग्रामीणों ने बताया कि नौ बच्चों की एक साथ हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस के लिए फोन किया गया। सूचना के बाद बाद पहली एंबुलेंस को गांव पहुंचने में आधा घंटा लग गया। एंबुलेंस के आने में देरी को देखते हुए ग्रामीण स्वयं सीएचसी जाने की तैयारी करने लगे, लेकिन इसी बीच एंबुलेंस पहुंच गई। गाड़ी के देरी से आने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला।