सीएम योगी का शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर, खुद प्राइमरी स्कूलों में जाकर परख रहे शिक्षा की गुणवत्ता,
प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास और जल्द रिमोट लर्निंग सिस्टम से होगी पढ़ाई
योगी 2.0 में परिषदीय स्कूलों में बच्चों का एडमिशन बढ़ाने के लिए सीएम योगी ने खुद किया स्कूल चलो
अभियान शुभारंभ
11 मई, लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेसिक शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की मुहिम रंग ला रही है। पिछले पांच
सालों में सीएम के संकल्प से प्राइमरी स्कूलों की न सिर्फ दशा और दिशा बदली है, बल्कि स्कूलों में
संसाधनों और सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। इसी कारण प्राइमरी स्कूलों में बच्चों का नामांकन डेढ़ करोड़
से साल दर साल बढ़ते हुए दो करोड़ के पास पहुंच गया है। और अब बच्चों को शुरूआत में ही तकनीक से
जोड़ने के लिए स्कूलों में स्मार्ट क्लास होंगे और रिमोट लर्निंग सिस्टम से पढ़ाई होगी।
पिछली सरकारों में दम तोड़ रही प्राइमरी शिक्षा को सीएम योगी ने पिछले पांच सालों में जीवंत करने में
भगीरथी प्रयास किए हैं। उन्होंने बेसिक शिक्षा के महत्व को देखते हुए वित्त वर्ष 2016-17 में 55,176 हजार
करोड़ से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2021-22 में 63,455 तक पहुंचाया है। इसके अलावा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से
1,22,054 शिक्षकों की भर्ती की है। 2019 में मिशन प्रेरणा के रूप में लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण
प्रक्रिया को अपनाया गया है और सभी स्कूलों में शिक्षण के लिए एनसीईआरटी गणित किट की उपलब्ध
कराई गई है।
योगी 2.0 में अब सीएम योगी का शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर है। इसीलिए वह खुद प्राइमरी स्कूलों में जाकर
शिक्षा की गुणवत्ता परख रहे हैं। सीएम योगी ने चार अप्रैल को श्रावस्ती जिले में शैक्षिक सत्र 2022-23 में
परिषदीय स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से स्कूल चलो अभियान की शुरूआत की। प्राइमरी
स्कूलों में बच्चों को तकनीकी से जोड़ने के लिए डिजिटल शिक्षा पर भी फोकस किया जा रहा है। साथ ही
स्कूलों में स्मार्ट क्लास और रिमोट लर्निंग सिस्टम से भी पढ़ाई कराने पर विचार किया जा रहा है, ताकि
शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो और प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी कांवेंट स्कूलों के बच्चों को
टक्कर दे सकें।
पहले कार्यकाल में कायाकल्प से बदली प्राईमरी स्कूलों की तस्वीर
प्राइमरी स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प के तहत अंतर विभागीय समन्वय से मूलभूत सुविधाओं और
संसाधनों से प्राइमरी स्कूलों की तस्वरी बदल गई है। बेसिक शिक्षा में विभिन्न विभागों से समन्वय करते हुए
करीब 16 सौ करोड़ रुपए के कार्य कराए गए हैं। पंचायती राज विभाग के 15वें वित्त आयोग और पंचम राज्य
वित्त आयोग की धनराशि, नगर विकास और विनियोजित क्षेत्र के कार्पस फंड से संबंधित क्षेत्रों के विद्यालयों
का सुदृढीकरण कराया गया है। मनरेगा और ग्राम निधि के समन्वय से बाउंड्रीवाल और समतलीकरण का
कार्य कराया गया है। इसके अलावा जिला खनिज निधि, विधायक निधि और सीएसआर फंड का भी
उपयोग किया गया है।