रायबरेली। समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में पार्टी कार्यालय में देश की महान महिला शासक, न्याय की देवी माता अहिल्या बाई होल्कर का 296वाँ जन्म दिन समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, तदुपरान्त एक गोष्ठी जिलाध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को ग्राम चोंग, जनपद अहमद नगर (महाराष्ट्र) में एक साधारण परिवार में धनगर (पाल) जाति में हुआ था, इनके पिता गांव के मुखिया थे, अहिल्याबाई की शिक्षा गांव में हुई थी। 8 वर्ष की आयु में मालवा के राजा उसी गांव से ग्राम चोंग से निकलकर पूणे जा रहा थे, तभी उनकी निगाह एक होनहार बालिका पर पड़ी तो उन्होनें अपने पुत्र के लिए अहिल्या बाई का हाथ अहिल्या बाई के पिता से मांग लिया तो अहिल्याबाई विदा होकर मालवा के शासक के घर से बतौर पुत्र वधू आ गई, किन्तु संयोग से ससुर के जीवनकाल में ही अहिल्याबाई के पति की मृत्यु वर्ष 1754 में हो गई तदुपरान्त उनके ससुर व पुत्र की भी मृत्यु हो गई तब राज्य का शासन चलाने का दायित्व माता अहिल्याबाई होल्कर के ऊपर आ गया। शुरू में राज्य के अन्दर माता जी का कुछ लोगों ने विरोध किया, किन्तु एक वर्ष के अन्दर ही माता अहिल्याबाई होल्कर की शासन प्रणाली व उनके द्वारा लिये गये कठोर निर्णयों से पूरे राज्य में अहिल्याबाई होल्कर को राज्य की जनता ‘माता’ कहकर पुकारने लगी। अहिल्याबाई होल्कर बेहद धर्मपरायण, तीक्ष्ण बुद्धी वाली तथा त्वरित निर्णय लेने की अपार क्षमता के कारण पूरे भारत वर्ष में उन जैसी कोई अन्य शासक महिला नहीं हुई, जिसके अन्दर शासन व राज्य चलाने की इतनी अपार क्षमता हो। माता अहिल्याबाई होल्कर का मानना था कि राज्य की जनता पुत्र के सामान होती है। जिला उपाध्यक्ष रामसेवक वर्मा ने कहा कि माता अहिल्याबाई पिछड़ी जाति पाल (धनगर) बिरादरी की थी, जिससे यह सिद्ध है कि बुद्धिमता किसी कुल की गिरवी नहीं रहती है। प्रान्तीय नेता राजेश चन्द्रा ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासनकाल के दौरान गांव इन्दौर को सुनियोजित ढंग से बसाया तथा पूरे प्रदेश में सड़कें, धर्मशाला व मन्दिर बनवाया। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओ.पी. यादव ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर एक ऐतिहासिक महिला थी। आज के समय में भी उनके विचार प्रासंगिक है। नारी सम्मान के लिए उनका संघर्ष प्रेरणाश्रोत है। पूर्व डीजीसी (राजस्व) दिनेश कुमार यादव ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर न्याय की देवी थी, इतिहासकारांे ने माता अहिल्याबाई होल्कर को भारत वर्ष की महान नारी की संज्ञा दी है। गोष्ठी का संचालन महामन्त्री मो0 अरशद खान ने किया। गोष्ठी में राजेश मौर्य, श्रवण चैधरी, मुकेश रस्तोगी, रामे यादव, राहुल निर्मल, मो0 फहीम, आई. जावेद, जितेन्द्र मौर्या, सुरेश पटेल, शत्रुघ्न पटेल, सन्तोष श्रीवास्तव, अरविन्द चैधरी, मो0 शाकिब कुरैशी, हरीश चैरसिया, अरविन्द यादव, अखिलेश माही, विनोद यादव, पवन कुमार श्रीवास्तव, रेहान अहमद सहित कई लोग उपस्थित रहे।