मेरी लोकप्रियता को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास,जब-जब चुनाव आया मुझे व मेरे परिवार को बदनाम करने का प्रयास हुआ
रायबरेली, 31 मई । एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा है कि समाचार पत्रों मंे छपी खबरों और सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आडियो तथा उस पर की जा रही टिप्पणियों से ज्ञात हुआ है कि कुछ लोग राजनैतिक स्वार्थसिद्वि के लिये मुझ पर ब्राह्मण विरोधी होने व उन पर अशोभनीय टिप्पणी करने का अनर्गल आरोप लगा रहे है। सम्मानित मीडिया के साथियों द्वारा इस वायरल आडियों पर मेरा पक्ष जानने की उत्सुकता पर जब मैंने कई बार ध्यान से इस आडियों को सुना तो प्रतीत हुआ कि यह कम से कम दो वर्ष पुराना है, दो वर्ष पूर्व मैंने अपने व्यस्त व सार्वजनिक जीवन में किससे, किस मुद्दे पर और क्या बात की, यह अब कैसे याद होगा, जिस पर मैं तत्काल अपनी प्रतिक्रिया दे सकूं, मैं यह दावा नही करता कि यह वायरल आडियों मेरा है या नही, बातचीत के अंश हमारे ही है या नही है। चाहे ब्राह्मण समाज के कुछ लोग अथवा पत्रकार साथी स्वयं के द्वारा दो वर्ष पूर्व अपने द्वारा किसी से की गई बातचीत के अंश पर दो वर्ष बाद जवाब दे सकता हो तो हमसे भी जवाब माॅगा जा सकता है किन्तु जो आप खुद नही कर सकते है हमें करने के लिये मजबूर करने का कोई औचित्य नही है लेकिन इसे प्रसारित कराने की मंशा सर्वसमाज में मेरी लोकप्रियता को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास जरूर है, समाज में जातीयता का जहर घोलने वाले छद्म वेशधारी मुझ पर आरोप लगा रहे है कि मैंने कहा है कि ‘‘ब्राह्मण एक बीमारी है’’ जबकि आडियों में ही स्पष्ट है कि कहने वाले ने यह कहा है कि ‘‘ब्राह्मणों की बीमारी दूर कर ली गई हैै, इसका मतलब आडियों में कहने वाले के ये भाव है कि ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर ली गई है, इसमंे कही कहते नही सुना गया कि ब्राह्मण जाति एक बीमारी है इस वाक्यांश से किसी भी प्रकार से किसी की भावना को ठेस पहुॅचाने की मंशा बिल्कुल प्रतीत नही होती है, अब विद्वेष फैलाने वालों की नजर में यदि इस आडियों के एक वाक्यांश में परिलक्षित भावना निन्दनीय है तो दो वर्ष बाद इसे प्रसारित करवाने वालों की भावना अभिनन्दनीय कैसे हो सकती है? मैं हतप्रभ हूॅ कि राजनैतिक षड्यन्त्र के तहत कुछ लोगों द्वारा जो प्रायोजित भ्रम फैलाया जा रहा है उससे समाज को दिशा देने वाला अत्यन्त बुद्विजीवी ब्राह्मण समाज कैसे भ्रमित हो सकता है, आखिर दो वर्ष पूर्व यदि यह आडियो उनके पास था तो अब तक प्रसारित क्यों नही कराया गया क्या ब्राह्मण समाज को इसमें कुछ दाल में काला प्रतीत नही होता है, क्या ब्राह्मण समाज सहर्ष स्वीकार कर लेगा।
जब-जब चुनाव आया मुझे व मेरे परिवार को बदनाम करने का प्रयास हूआ, मैं आपके समक्ष वर्ष 2016 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय का वाकया याद दिलाता हूॅ ब्राह्मण समाज के एक नेता द्वारा अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए मेरे 70 वर्षीय भाई पर बलात्कार का मुकदमा सिर्फ इसलिए दर्ज कराता है कि जिला पंचायत का अध्यक्ष मेरा भाई न हो, किन्तु इसी घटना की उसी सरकार में जाॅच होती है और मेरे भाई निर्दोष पाये जाते है, इसी प्रकार एक अपरिपक्व विधायक द्वारा मेरे ऊपर आरोप लगाया जाता है कि मेरी गाड़ी दिनेश सिंह ने दुर्घटनाग्रस्त करा दी उसमें भी जाॅच में निर्दोष पाया जाता हूॅ, ऐसे तमाम उदाहरण होंगे जब राजनैतिक द्वेष की भावना से मेरी छवि खराब करने का प्रयास किया गया होगा किन्तु सत्य की हमेशा जीत हुई और पंचवटी परिवार उत्तरोत्तर ब्राह्मण और सर्वसमाज के आशीर्वाद से आगे बढ़ता ही गया।
मैंने कभी जाति आधारित राजनीति नही की है हमेशा सेवाभाव व सबको सम्मान देकर सम्मान हासिल किया है और आज जो कुछ हूॅं रायबरेली वासियों के आशीर्वाद की बदौलत हूॅ, मुझसे ब्राह्मण समाज अथवा किसी भी समाज का कभी भी अहित व अपमान नही हुआ है किन्तु यदि कभी भी किसी को यह एहसास होगा कि मुझसे ऐसी भूल हुई है जिससे किसी को पीड़ा पहुॅची है तो तत्काल क्षमा मागूॅगा, जिसने मुझे इस लायक बनाया उससे मैं कभी बड़ा नही हो सकता और बड़े के सामने क्षमा माॅगने से मेरा कोई अपमान नही है। मेरे राजनैतिक जीवन में ब्राह्मण समाज की भूमिका हमेशा अविस्मरणीय रहेगी, ईश्वर हम सबको शक्ति व सद्बुद्वि दें कि हम सब इस सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाये रखने मंे कामयाब रहे।
——————————