प्रदेश में सभी प्रमुख नदियों को योगी सरकार प्रदूषण मुक्त बनाने का कार्य तेजी से कर रही है। नमामि गंगे
परियोजना के तहत शहरों की लाइफ लाइन मानी जाने वाली नदियों को नया जीवन दिया जा रहा है। कान्हा
की नगरी मथुरा में यमुना शुद्धीकरण का बड़ा कार्य किया गया है। नमामि गंगे की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक
पहली बार 460.45 करोड़ की लागत से यमुना में गिरने 20 नालों को टैप किया गया है। साथ ही 30 एमएलडी
का एक नया एसटीपी तैयार कर लिया गया है। नदियों को जीवंत करने के साथ-साथ इनमें सीवरेज गिरने की
समस्या का समाधान अत्याधुनिक तरीके से किया जा रहा है। सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास करने में
जुटी है।
वहीं नमामि गंगे परियोजना के तहत मुरादाबाद में रामगंगा सीवरेज योजना बड़ा परिवर्तन लेकर आई है। यहां
330.05 करोड़ की लागत से 13 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है, साथ में 58 एमएलडी का
अत्याधुनिक एसटीपी बनकर तैयार है। मिर्जापुर के चुनार नगर में 2.70 करोड़ की लागत से 10 केएलडी का
एफएसटीपी बनाया गया है। फिरोजाबाद में 51.06 करोड़ की लगात से 02 बड़े नालों को आईएण्डडी विधि
से टैप किया गया है। कासगंज में 76.73 करोड़ से 02 नालों को टैप करने के साथ 58 एमएलडी एसटीपी का
निर्माण पूरा करा लिया गया है। सरकार की ओर से तेजी से नदियों की सफाई के लिए किये गये कार्यों से
बड़ा बदलाव आया है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार की
ओर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अत्याधुनिक विधि से निर्मित किया जा रहा है। बिजली की कम से कम
खपत के साथ-साथ इनमें बायोगैस प्लांट का प्रयोग किया जा रहा है। सीवर ट्रीटमेंट की नई विधियों का
प्रयोग कारगर साबित हुआ है। इन ट्रीटमेंट प्लांटों से नालों का गंदा पानी शुद्ध होने के बाद नदियों में छोड़ा
जाता है। इस कारण नदियों में प्रदूषण की मात्रा कम हुई है। नदियों में मशीनों और नांवों से गाद की सफाई
का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।