- प्रदेश के किसी भी जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम का विकल्प चुन सकेंगे अभ्यर्थी
- राजकीय और निजी आईटीआई में प्रवेश प्रक्रिया के निर्धारण में किया गया संशोधन
- अभ्यर्थियों को आवंटित सीट को फ्रीज या फ्लोट करने की भी मिल सकेगी सुविधा
- युवाओं को तकनीकी रूप से योग्य बनाने के लिए योगी सरकार ने की है पहल
लखनऊ, 26 जून। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से योग्य बनाने के लिए योगी सरकार ने राजकीय एवं
निजी आईटीआई में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को विकल्प चुनने की खुली छूट प्रदान की है। दरअसल, 2024-25
के साथ आगामी अन्य सत्रों के लिए प्रदेश के राजकीय एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में
प्रवेश प्रक्रिया को संशोधन के साथ निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार अब अभ्यर्थी अपनी स्वेच्छा से ग्रुप
ए एवं बी राजकीय व निजी आईटीआई के वरीयता क्रम में प्रदेश के किसी भी जनपद, संस्थान एवं पाठ्यक्रम
का विकल्प दे सकेंगे। पहले जो व्यवस्था थी, उसमें राजकीय आईटीआई में प्रवेश के लिए अधिकतम 3 जनपदों,
6 संस्थानों और 10 व्यवसाय का विकल्प दे सकते थे, जबकि निजी आईटीआई के लिए यह सीमा 3 जनपदों के
अधिकतम 25 संस्थानों तक थी।
मिलेगी सीट फ्रीज और फ्लोट करने की सुविधा
प्रदेश के कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने
बताया कि संशोधित प्रवेश प्रक्रिया के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जो व्यवस्था निर्धारित की गई है
उसके अनुसार अभ्यर्थी द्वारा स्वेच्छा से ग्रुप ए एवं बी राजकीय आईटीआई व निजी आईटीआई के वरीयता
क्रम में प्रदेश के किसी भी जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम का विकल्प जोड़ने की सुविधा प्राप्त होगी।
इसी तरह, निजी आईटीआई में प्रथम एवं द्वितीय चरण में रिक्त सीटों के विरुद्ध जनपद, संस्थान, व्यवसाय
एवं पाठ्यक्रम के उच्चीकृत विकल्प को दिए जाने के लिए फ्रीज/फ्लोट की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी।
वरीयता सूची के तहत आवंटित की जाएगी सीट
शैक्षिक योग्यता की मेरिट के आधार पर सभी चार चरणों में ऑनलाइन सीटों के आवंटन की प्रक्रिया में भी
संशोधन किया गया है। इसके तहत अब राजकीय एवं निजी आईटीआई में प्रथम चरण में किसी भी ग्रुप में
सीटों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए उस ग्रुप की वरीयता सूची के क्रम में अभ्यर्थियों को सीट
आवंटित की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि अभ्यर्थी द्वारा अंकित प्रथम वरीयता के अनुसार क्या उसकी मेरिट
एवं आरक्षण वर्ग के आधार पर सीट आवंटित की जा सकती है या नहीं। यदि ऐसा नहीं है तो उसके द्वारा
वरीयता क्रम में चिह्नित अगले जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम के लिए यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी,
जब तक उसके द्वारा वरीयता क्रम में चिह्नित समस्त जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम में कोई सीट
अवांटित न हो जाए। इसके अलावा, प्रथम चरण में किसी भी ग्रुप में सीटों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ करने
के लिए ग्रुप की वरीयता सूची के क्रम में अभ्यर्थियों को सीट आवंटित की जाएगी।
उच्च विकल्पों में मिल सकेगा प्रवेश का अवसर
प्रवेश प्रक्रिया के दूसरे चरण में राजकीय/निजी आईटीआई में प्रथम चरण में प्रवेश लेने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को
जिन्हें अपने उच्च विकल्प के जनपद/संस्थान/व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम नहीं प्राप्त हुए,लेकिन प्रथम चरण में कुछ
अभ्यर्थियों के प्रवेश न लेने के कारण उन्हें उनके उच्च विकल्पों में प्रवेश का अवसर मिल सकता है। हालांकि,
ऐसे अभ्यर्थी यदि अपने विकल्प में बदलाव चाहेंगे तो सीट रिक्त होने राजकीय संस्थान में प्रवेशित अभ्यर्थी को
राजकीय संस्थान में और निजी संस्थान में प्रवेशित अभ्यर्थी को निजी संस्थान में अपग्रेडेशन का अवसर प्राप्त
होगा। अपग्रेडेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सबसे पहले ऐसे अभ्यर्थियों को अलग कर दिया जाएगा जिन्हें
प्रथम चरण में कोई भी संस्थान आवंटित हुआ था। इसके बाद बाकी बची सीटों के लिए आवंटन की प्रक्रिया
पुनः प्रथम चरण के अनुसार चलाई जाएगी तथा अपग्रेडेशन सूची एवं द्वितीय चयन सूची दोबारा परिषद की
वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।
पंजीकरण के बाद 4 दिन में पूर्ण होगी प्रक्रिया
द्वितीय चरण के बाद राजकीय/निजी आईटीआई में अभ्यर्थियों के उच्चीकरण की प्रक्रिया द्वितीय चरण के
अनुसार करते हुए रिक्त सीटों का विवरण तैयार कर वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा तथा अभ्यर्थियों का
पुनः विकल्प प्राप्त करते हुए पंजीकरण की कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई अभ्यर्थी नया विकल्प नहीं देना
चाहता है, तो उसके प्रवेश फॉर्म में दिए गए विकल्प पर ही उसकी मेरिट के अनुसार उसे प्रथम चरण के
अनुसार जनपद/संस्थान/व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम आवंटित कर दिया जाएगा। पंजीकरण के बाद चयन प्रक्रिया 4
दिनों में पूर्ण कर ली जाएगी तथा अभ्यर्थियों को प्रवेश लेने के लिए अधिकतम 5 दिनों का समय प्रदान किया
जाएगा। तृतीय चरण में सीटों के आवंटन में केवल ऐसे अभ्यर्थियों पर विचार किया जाएगा, जिन्हें प्रथम एवं
द्वितीय चरण में कोई सीट आवंटित नहीं हुई है। इस चरण में आवंटन के बाद शेष सीटों को अनारक्षित करते
हुए दोबारा प्रथम चरण की भांति सीट आवंटन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।