- अधिकारियों से बोले मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन
लें, उनसे परियोजनाओं के संबंध में चर्चा करें - रोस्टरिंग के नाम पर न हो पॉवर कट, गांव हो या नगर, करायें
निर्बाध बिजली आपूर्ति: मुख्यमंत्री - पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने की कानून-व्यवस्था की
समीक्षा - आस्था का पूरा सम्मान, लेकिन नई परंपरा को प्रोत्साहन नहीं:
मुख्यमंत्री - सड़क पर नहीं होगी नमाज़, बकरीद पर प्रतिबंधित पशु कटे तो
होगी कार्रवाई - बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही
होना चाहिए: मुख्यमंत्री - मुख्यमंत्री का निर्देश, वाहन सरकारी हो या कि प्राइवेट, प्रेशर
हॉर्न अथवा हूटर स्वीकार नहीं - मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश, CUG पर आने वाली हर कॉल का
जवाब दें - भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री की दो टूक, अनैतिक लेन-देन की
शिकायत मिली तो कार्रवाई तय - गंगा दशहरा से पहले नदी घाटों की करायें साफ-सफाई:
मुख्यमंत्री - पर्व और त्योहारों को बनाएं ‘अवेयरनेस’ का माध्यम: मुख्यमंत्री
- जिला, रेंज, ज़ोन स्तर भी तत्काल शुरू हो जनता दर्शन
कार्यक्रम - हमारी कार्रवाई माफिया के खिलाफ है, गरीब के खिलाफ नहीं:
मुख्यमंत्री - हर जिले की GDP और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के नए
माध्यम सृजित करें: मुख्यमंत्री - 21 जून को पूरे प्रदेश में मनेगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस,
प्रभार वाले जिलों में उपस्थित होंगे मन्त्रिगण
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी पर्व त्योहारों के
दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध
में गुरुवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुलिस
कमिश्नरों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तान गणों
द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक
जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री
जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:
● आगामी 16 जून को गंगा दशहरा, 17 जून को बकरीद, 18 जून
को ज्येष्ठ माह का मंगल का पर्व है और 21 जून को
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन है, जबकि जुलाई माह में
मोहर्रम और कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र कार्यक्रम होने हैं।
स्वाभाविक रूप से यह समय कानून-व्यवस्था की दृष्टि से
अत्यंत संवेदनशील है। शासन-प्रशासन को 24×7 एक्टिव मोड
में रहने की आवश्यकता है।
● प्रदेश में 15 से 22 जून तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया
जाना चाहिए। गंगा दशहरा के दृष्टिगत गंगा नदी के घाटों की साफ-
सफाई और साज-सज्जा की जानी चाहिए। स्नान कहाँ करना है, यह
सुनिश्चित हो। सतर्कता के दृष्टिगत गोताखोरों, PAC के फ्लड
यूनिट तथा NDRF व SDRF की तैनाती भी की जाए।
● इस समय भीषण गर्मी का समय है, साथ ही पर्व-त्योहारों का
आयोजन भी होना है। ऐसे में गांव, नगर, महानगर, कहीं भी
रोस्टरिंग के नाम पर अनावश्यक 'पॉवर कट' न हो। ट्रांसफार्मर
खराब होने अथवा फॉल्ट की समस्या का तेजी के साथ
निस्तारण कराएं। आम जन की जरूरतों का ध्यान रखें।
● पूर्व के अनुभव बताते हैं कि जहां स्थानीय प्रशासन ने
संवादहीनता बनाए रखी, वहां अप्रिय घटना की स्थिति बनी।
हमें इनसे सीख लेते हुए सतर्क रहना होगा। थाना, सर्किल,
जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण
अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों
के साथ संवाद बनाएं। लोगों के लिए सकारात्मक संदेश जारी
कराएं। पीस कमेटी की बैठक कर लें। मीडिया का सहयोग लें,
ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।
● बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना
चाहिए। इसके अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो।
विवादित/संवेदनशील स्थलों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक
दशा में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न
हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की
व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिए।
● नमाज परंपरानुसार एक निर्धारित स्थल पर ही हों। सड़क मार्ग
अवरुद्ध कर नमाज की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। आस्था का
सम्मान करें किंतु किसी नई परंपरा को प्रोत्साहन न दें। वीडियोग्राफी
कराएं, ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए।
● हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए
स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
यदि कोई भी कानून हाथ में लेने का प्रयास करे, अराजक
तत्वों पर नजर रखें, यदि कोई शांति व्यवस्था को खराब करने
का प्रयास करता मिले तो उसके साथ पूरी कड़ाई की जाए।
● ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल पर भंडारा आयोजन की परंपरा रही है।
आयोजकों को स्पष्ट रूप से बताया जाए कि प्रसाद खाकर अपशिष्ट
सड़क किनारे न फेकें जाएं। डस्टबिन की उपलब्धता हर भंडारा स्थल
पर होनी चाहिए। नगर निगम/नगर पालिका के माध्यम से अपशिष्ट
का निस्तारण सुनिश्चित कराएं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
कड़ाई से लागू करें। पर्व और त्योहारों को 'अवेयरनेस' का माध्यम
बनाना चाहिए।
● ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं
आहत हो। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को
अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं,
ऐसे मामलों पर नजर रखें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त
पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस
बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे।
अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए।
● सड़क आवागमन के लिए है, न कि अतिक्रमण के लिए।
यातायात विभाग के साथ-साथ परिवहन विभाग द्वारा यह
सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अवैध वसूली न हो। आम
आदमी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। ऐसी शिकायतें मिलीं
तो कार्रवाई होनी तय है।
● नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ करना होगा। स्थानीय
प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का
स्थायी समाधान करे। यह सुनिश्चित करें कि कोई तय स्थान के
बाहर दुकान न लगाए।
● वाहन सरकारी हो या कि प्राइवेट, प्रेशर हॉर्न अथवा हूटर नहीं
बजना चाहिए। जहां लगा हो, तत्काल उतरवाएँ। वीआईपी
फ्लीट में सबसे आगे की गाड़ी में एक तय ध्वनि सीमा के
साथ ही हूटर बजे। अन्य किसी वाहन में नहीं। इसे स्पष्ट रूप
से समझ लेना चाहिए, कि यदि कहीं से भी प्रेशर हॉर्न अथवा
हूटर बजने की सूचना मिली तो संबंधित थाना पर कार्रवाई
होनी तय है। वीआईपी कल्चर को किसी भी दशा में स्वीकार
नहीं किया जाएगा।
● मैंने जनता दर्शन कार्यक्रम पुनः प्रारंभ कर दिया है। जिलों से आ
रहीं शिकायतों/आवेदनों की समीक्षा की जा रही है। जिस क्षेत्र से
अधिक शिकायतें मिल रहीं हैं, उसी अनुसार वहां के अधिकारियों
की जवाबदेही तय की जाएगी।
● जनता दर्शन कार्यक्रम जिला, रेंज, ज़ोन स्तर भी तत्काल शुरू
हो जाए। कौन सा अधिकारी किस दिन जहां जनसुनवाई
करेगा, इसके बारे में जनता के बीच पहले से ही पहले से
प्रसारित की जाए। लोगों की समस्याएं, अपेक्षाएं सुनें और एक
तय समय सीमा के भीतर निस्तारण करें। उन्हें लटकाएं नहीं,
समाधान दें। कॉमन मैन की संतुष्टि ही आपके काम का
मानक है। आम आदमी का विश्वास जीतें।
● हमारी कार्रवाई माफिया के खिलाफ है, गरीब के खिलाफ नहीं।
यह कार्रवाई और तेज की जाए। हर गरीब, शोषित, पीड़ित और
वंचित के हितों की रक्षा, हमारी जिम्मेदारी है। भूमाफ़िया हो
या कोई अन्य माफिया सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
● फील्ड में तैनात अधिकारियों को लेकर CUG फोन दिए गए हैं।
यह जनता के लिए है। 24×7 इसे चालू रखें। हर अधिकारी
यह फोन स्वयं रिसीव करें। कतिपय कारणवश रिसीव न कर
सकें तो कॉल बैक करें। जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाये रखें।
उनकी अपेक्षाओं- समस्याओं को सुनें। मेरिट के आधार पर
उसका निराकरण करें।
● सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
ब्लॉक हो या जिला मुख्यालय या फिर सचिवालय, कहीं भी किसी
भी स्तर पर यदि अनैतिक लेन-देन की शिकायत प्राप्त हुई तो
इसमें संलिप्त हर किसी के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है।
● निवेश को आकर्षित करने के प्रयासों को जारी रखें। हर जिले की
GDP और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के नए माध्यम सृजित
करें। सरकारी परियोजनाओं/निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की
जांच करते रहें। जनप्रतिनिधियों को साथ ले जाएं, उनका
मार्गदर्शन प्राप्त करें। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित
करें।
● योग, भारतीय मनीषा द्वारा विश्व मानवता को प्रदान किया
गया वह अमूल्य उपहार है जो शरीर और मन दोनों को
स्वस्थ रखता है। हमारे ऋषि मुनियों के इस प्रसाद से
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरी दुनिया को
परिचित कराया है। इस वर्ष 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की
थीम "योग स्वयं एवं समाज के लिए" रखी गई है, जिससे योग
के माध्यम से प्रत्येक परिवार को कल्याण एवं स्वास्थ्य प्राप्त
हो सके।
● योग दिवस के कार्यक्रम से सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों,
विभिन्न सरकारी बोर्डों के अध्यक्ष/पदाधिकारी, स्वयंसेवी
संस्थाओं, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं,
योग संस्थानों, एनसीसी कैडेट, स्काउड एंड गाइड और
एनएसएस स्वयंसेवकों को अनिवार्य रूप जोड़ा जाना चाहिए।
अधिकाधिक जन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के महत्वपूर्ण
आयोजन से जोड़ने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने के प्रयास
किए जाएं।
● अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अधिक से अधिक लोगों को
योग का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से 15 जून से 21 जून 2024 तक
'योग सप्ताह' के रूप में मनाया जाना चाहिए।
● 21 जून के मुख्य समारोह को सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय
निकायों में आयोजित किया जाए। अमृत सरोवर, ऐतिहासिक
महत्व के स्थलों और सांस्कृतिक स्थलों में योगाभ्यास कराया
जाना उचित होगा। आम जन की सुविधा और जागरूकता के
लिए कॉमन योग प्रोटोकॉल के वीडियो भी प्रसारित किए जाने
चाहिए। वार्ड स्तर भी योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित होने
चाहिए।
● अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन सभी माननीय मंत्रीगण अपने
प्रभार वाले जनपद में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करें। यहां
ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य,
जिला पंचायत अध्यक्ष आदि सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों
को कार्यक्रमों से जोड़ें।
● निराश्रित गोआश्रय स्थलों के व्यवस्था सुधार में जिलाधिकारीगण
स्वयं रुचि लें। यहां हरा चारा, पानी आदि की उपलब्धता हो, इसके
लिए नगर विकास, पशुपालन विभाग की भी सहभागिता होनी
चाहिए।