रायबरेली। नवज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा लालगंज नगर में बैठक आहूत की गयीं। जिसमें विषय यह की एक ओर जहाँ देश में अनेक गैरसरकारी संगठन और युवा अपने निजी प्रयासों से बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कर देश को हरा- भरा करने में जुटे है तो वही वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा छतरपुर जिले के बकस्वाहा तहसील में स्थित विशालकाय जंगल को काट कर वहाँ पर हीरा खदान हेतु लाखों औषधीय व उपयोगी वृक्षों को काटने का जो आदेश पारित किया है , जो एक पर्यावरण त्रासदी से कम नही है यह हमारे पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होगा। जिससे प्रकृति का संतुलन अस्थिर हो सकता है। कोरोना महामारी के इस भीषण काल में ऑक्सीजन सम्बंधित समस्या से जिस तरह भारत ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व में त्राहिमाम मचा यह सभी विदित है। इसीप्रकार यदि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ होता रहा तो एक समय ऐसा आ सकता है कि हमारा देश सैंकड़ों महामारियों का शिकार होता रहेगा। आज जिस प्रकार ऑक्सीजन के आभाव में हजारोंजानें चली गयी यह इस प्राकृतिक असंतुलन का ज्वलंत उदाहरण है।
इस मौके पर संस्था के संरक्षक वीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित करने हेतु हमें पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण बचाव के लिए भी समय समय पर ध्यान देते रहना चाहिए मध्यप्रदेश सरकार को अपने इस आदेश पर पुनः गहन विचार करने की आवश्यकता है।