– प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले सीएम योगी की समीक्षा बैठक का दिखा असर
– सीएम योगी की मॉनिटरिंग से इस वर्ष बाढ़ प्रभावित जिलों में काफी कम हुई जनहानि
– प्रदेश के 37 जिलों में हुई सामान्य से अधिक बारिश, बाढ़ से प्रभावित हुए 34 जिले
– अत्याधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाई गई तेरह सौ से अधिक बाढ़ चौकियां
लखनऊ,3 अक्टूबर: योगी सरकार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनहानि को रोकने में काफी हद तक
कामयाब रही है। इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों का लगातार
हवाई सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचकर वहां के
लाेगों से संवाद के साथ उनके लिए की गई व्यवस्था का बारीकी से मुआयना किया। ऐसे में अत्याधिक बाढ़
प्रभावित 20 जनपदों की 84 तहसीलों में 1310 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गयी। साथ ही 2647 मेडिकल
टीम का गठन किया गया। वहीं 69,726 खाद्यान्न सामग्री पैकेट और 4,65,048 लंच पैकेट वितरित किये गये।
प्रदेश के 37 जिलों में हुई सामान्य से अधिक बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के 13 जनपदों में 1 जून से 15 सितंबर तक अतिवृष्टि
यानी 120 प्रतिशत से अधिक बारिश रिकार्ड की गयी है। इनमें ज्यादातर इलाके पश्चिमी यूपी के हैं। इसी तरह
प्रदेश के 24 जिलों में सामान्य से अधिक यानी 120 से 80 प्रतिशत बारिश दर्ज की गयी है। इनमें ज्यादात्तर
इलाके पश्चिमी, मध्य और बुंदलेखंड के जिले शामिल हैं। वहीं 31 जिलों में सामान्य यानी 80 से 40 प्रतिशत
बारिश हुई है। उधर, प्रदेश के 7 जिलों में सामान्य से कम यानी 40 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है। राहत आयुक्त
जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले ही
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की थी। बैठक में उन्होंने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित
इलाकों में जनमानस और मवेशियों को हर संभव मदद देने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये थे। इसके लिए
पहले से पूरी पुख्ता तैयारियों रखने के आदेश दिया था ताकि जन हानि को शून्य किया जा सके। मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का असर भी देखने को मिला। प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित 37 जनपदों में
राहत कार्यों के चलते जन हानि काफी कम रही।
साढ़े चार लाख से अधिक लंच पैकेट किए गए वितरित
राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश के 37 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। इनमें से 34
जिले बाढ़ से प्रभावित रहे। वहीं प्रदेश के 20 जिले अत्याधिक बाढ़ प्रभावित रहे, जहां पर युद्धस्तर पर राहत
कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि इन 20 जिलों में पश्चिम यूपी के 14 जिले मुजफ्फनगर, बिजनौर, फर्रुखाबाद,
सहारनपुर, आगरा, अमरोहा, मेरठ, बागपत, मथुरा, शामली, बदायूं, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर और गाजियाबाद
शामिल हैं जबकि अवध के पांच जिले बाराबंकी, खीरी, हरदोई, गोंडा और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। वहीं
पूर्वांचल का एक जिला बस्ती अत्याधिक बाढ़ से प्रभावित रहा है। इन जिलों की 84 प्रभावित तहसील के 1287
गांव के करीब पांच लाख लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 1310 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गयी। वहीं
मेडिकल संबंधी समस्या से निपटने के लिए 2647 मेडिकल टीमों को एक्टिव किया गया। इसी तरह बाढ़ पीड़ितों
को भोजन की समस्या न हो इसके लिए 69,726 खाद्यान्न पैकेट सामग्री के बांटे गये। इस दौरान 4,65,048
लंच पैकेट वितरित किये गये। अत्याधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में फर्रुखाबाद पहले स्थान पर रहा, जहां 116 गांवों
के 75,453 लोग बाढ़ की चपेट में आएं। यहां पर 52 बाढ़ चौकियों को स्थापित किया गया जबकि 1003
मेडिकल टीम को गठित किया गया।