योगी सरकार एक्सप्रेस-वे के माध्यम से युवाओं के लिए खोलेगी रोजगार के द्वार
एक्सप्रेस वे के किनारे 6 मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए होगा भूमि अधिग्रहण
डिफेंस कॉरिडोर के सभी नोड्स पर अवस्थापना के विकास कार्य को तेजी से किया जाएगा
लखनऊ, 09 मई
योगी सरकार एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के पथ तौर पर विकसित कर रही
है। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक कारीडोर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए
कार्ययोजना बनाकर उस क्रियान्वित किया जा रहा है। ये कारीडोर प्रदेश के औद्योगिक विकास को
गति प्रदान करेंगे, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। इससे आसपास
के क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
योगी सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां प्रदेश
के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में लगातार कार्य हो रहे हैं, वहीं प्रदेश के औद्योगिक
विकास को भी सरकार गति देने में जुटी है। बेहतर इंफ्रास्टक्चर के लिए प्रदेश एक्सप्रेस-वे का जाल
बिछाया जा रहा है तो इसके दोनों ओर औद्योगिक कारीडोर के निर्माण करने की दिशा में कार्य
किया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस शुरू हो चुका है, जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे कार्य अंतिम चरण
में है। इसके जल्द शुरू होने की संभावना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस, बलिया एक्सप्रेस-वे काम
तेजी से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस के लिए भी तेजी से कार्रवाई चल रही है। सरकार इनके दोनों
तरफ औद्योगिक कारीडोर को विकसित कर रही है।
अगले 100 दिनों में एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कारीडोर्स के विकास माडल को अंतिम रूप
देने के लिए औद्योगिक विनिर्माण समूहों (इंडस्ट्रीयल मैन्यूफैक्चरिंग क्लसटर्स) को चिह्नित किया
जाएगा। दो वर्षों में एक्सप्रेस-वे के किनार 6 इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टरों के लिए भूमि खरीदी
जाएगी या अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार दो से पांच वर्षों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर के
सभी नोड पर अवस्थापना के विकास कार्य को तेजी से कराएगी। पावर स्टेशन, सड़कों का
चौड़ीकरण, सम्पर्क मार्गों का निर्माण, ड्रेनेज और पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। सरकार
इसके जरिए प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगी, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के
अवसर भी उपलब्ध कराएगी।