हरदोई जिले की पुलिस ने सीतापुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुए एक 3 साल के मासूम बच्चे को आंध्र प्रदेश राज्य से बरामद किया है. जिसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह के जरिए पांच लाख रुपए में बेचा गया था. ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह ने 10 फरवरी को मासूम को सीतापुर जिले से अगवा किया था, जिसे करीब एक महीने बाद बरामद किया गया है. इस मामले में पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. जबकि मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है. पूछताछ के दौरान इन महिलाओं ने बताया कि बच्चे को अगवा करने के बाद उसकी फोटो दिखाकर बच्चों की कीमत तय की जाती थी. हरदोई की अतरौली थाना पुलिस की हिरासत में खड़ी पठान मुमताज उर्फ हसीना निवासी अजीत सिंह नगर न्यू राजेश्वरी पेटा थाना अजीत सिंह नगर जिला विजयवाड़ा आन्ध्रप्रदेश व बिक्कोल बिजली निवासी 158 वाटर टैंक वैदेही ईस्ट गोदावरी गड़ाला आन्ध्रप्रदेश की रहने वाली है. अतरौली पुलिस ने उनको अतरौली थाना क्षेत्र के गोरी कला गांव से 20 फरवरी को लापता हुए 3 साल के मासूम रितिक को अगवा करके दूसरे राज्य में बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जिनके पास से सीतापुर के अटरिया थाना क्षेत्र से एक शादी समारोह से 3 साल के आर्यन को बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक गौरी कला गांव में रितिक अपनी मां गुड़िया के साथ अपने मामा शशिकांत के यहां तिलक समारोह में शामिल होने आया था. 20 फरवरी की रात 8 बजे जब परिवार के लोग कार्यक्रम में व्यस्त थे, तभी ऋतिक लापता हो गया था. इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र कुमार की अगुवाई में अलग-अलग कई टीमें बनाई गई थी. पुलिस ने तेलंगाना से ऋतिक को बरामद कर लिया था.इस मामले में पुलिस टीम के आने की भनक लगते ही मूड़ावती शारदा, पठान मुमताज उर्फ़ हसीना व विक्कोल बिजली फरार हो गई थी. पुलिस टीम द्वारा बरामद ऋतिक को सकुशल हरदोई लाया गया था, जबकि सीतापुर के बच्चों की बरामदगी के लिए टीम वहां पर लगी हुई थी. इसी कड़ी में अब पुलिस ने आर्यन को बरामद कर दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है.