रायबरेली में स्थित ’’माटी कला केन्द्र’’ को बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति के माध्यम से संचालित कराया जा रहा है।
माननीय कारागार मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में निरुद्ध बंदियों को अपनी प्रतिभा निखारने हेतु भरपूर अवसर प्रदान किया जा रहा है। गत वर्ष माटी कला केन्द्र में मिट्टी के दीये बनाये जाने हेतु शुभारम्भ किया गया था , जिसमें गुणात्मक सुधार करते हुए इस वर्ष ’’वन जेल वन प्रोडक्ट्’’ के अन्तर्गत् ’’माटी कला केन्द्र’’ में कार्य कर रहे बन्दियों द्वारा अपनी कला का भरपूर प्रदर्शन किया जा रहा है।
बंदियों द्वारा गणेश-लक्ष्मी जी एवं अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाॅं, लालटेन, ग्लास, कुल्हड़, परई, फ्लावर पाट, कप-प्लेट, पानी के बोतल, कलश, विभिन्न प्रकार के गमले एवं दीवाली के उपलक्ष्य में मिट्टी के साधारण एवं डिजाइनर टाईप के दीये, इत्यादि दर्जन भर से अधिक वस्तुएं निर्मित की जा रही हैं।
मिट्टी के निर्मित वस्तुओं की विक्री एवं उपयोगिता को बढ़ावा देने हेतु कारागार प्रशासन द्वारा समय-समय पर आयोजित लोक अदालत कार्यक्रमों/प्रदर्शनी मेें प्रतिभाग कर व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मिट्टी के निर्मित वस्तुओं की उपयोगिता के दृष्टिगत् उत्पादन में वृद्धि एवं विक्रय हेतु सुलभ बाजार मुहैया कराये जाने के सम्बन्ध में स्थानीय माटी कला बोर्ड, रायबरेली से पत्राचार कर बोर्ड के पदाधिकारियों से सहयोग प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया है। दिनांक 25.10.2024 को ’’जिला कारागार रायबरेली, विक्रय केन्द्र’’ नामक आउटलेट की स्थापना भी की गयी है।