कांग्रेस के एक सदस्य ने राज्यसभा में बृहस्पतिवार को रायबरेली में 10 साल पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के बाद भी पूर्ण क्षमता के साथ संचालित न किए जाने पर चिंता जताई और सरकार से राजनीतिक पूर्वाग्रह को समाप्त कर इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की मांग की।
उच्च सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोदी तिवारी ने जब यह मांग उठाई तब रायबरेली की पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं। तिवारी ने कहा कि रायबरेली में एम्स की स्थापना 10 वर्ष पूर्व सोनिया गांधी द्वारा की गई थी लेकिन अभी तक यह अपनी पूर्ण क्षमता के साथ जनता की सेवा नहीं कर पा रहा है।
उन्होंने कहा कि जबकि उस समय राबरेली के साथ ही जिन अन्य एम्स की आधारशिला रखी गई थी वह अपनी पूर्ण क्षमता के साथ जनता को समर्पित हो गए हैं। रायबरेली और आसपास की बड़ी आबादी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अतः अनुरोध है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए करोड़ों की आबादी को लाभान्वित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर रायबरेली एम्स को पूर्ण क्षमता के साथ संचालित किया जाए।’’
इसमें हो रही देरी पर चिंता जाते हुए तिवारी ने कहा, ‘‘इसका दोष इतना है क्योंकि यह रायबरेली में है। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजनीतिक पूर्वाग्रह समाप्त करके एम्स रायबरेली का पूर्ण भवन बनाया जाए। मरीजों के रुकने की सुविधा दी जाए।’’
उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक भूमि भी उपलब्ध है और चूंकि यह मानवीय मामला है, इसलिए इस दिशा में तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘जरूरी नहीं कि कांग्रेस के लोग ही बीमार पड़े। भाजपा के लोग ज्यादा बीमार होते हैं… इसको तुरंत प्रारंभ किया जाए।