- -नोएडा, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण व यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा
जारी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया में आई तेजी - -जेवर एयरपोर्ट में हैंडलिंग स्टाफ व कंसल्टेंट्स की नियुक्ति समेत लाइसेंसिंग, ऑपरेटिंग व मैनेजिंग प्रक्रियाओं
को ई-निविदा के माध्यम से किया जा रहा पूर्ण
ग्रेटर नोएडा/ लखनऊ, 12 जून। उत्तर प्रदेश को प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर रखने की दिशा में कार्यरत
योगी सरकार ने प्रदेश में नई शक्ति के साथ लंबित परियोजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है। इस क्रम
में सीएम योगी की मंशा अनुरूप प्रदेश को 'वर्ल्ड क्लास सिविल एविएशन फैसिलिटीज' का हब बनाने के लिए
कार्ययोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि नोएडा के जेवर एयरपोर्ट को
स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है जिससे कि इसकी पैसेंजर व फ्लाइट
हैंडलिंग केपेबिलिटीज को विश्वस्तरीय बनाया जा सके। जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश के
पहले ट्रांजिट हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है। एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब के तौर पर भी इसके
विकास की योजना पर कार्य हो रहा है जबकि देश में अभी किसी भी एयरपोर्ट पर ऐसा ट्रांजिट हब नहीं है।
इसके अतिरिक्त, जेवर एयरपोर्ट में हैंडलिंग स्टाफ व कंसल्टेंट्ट की नियुक्ति समेत लाइसेंसिंग, ऑपरेटिंग व
मैनेजिंग प्रक्रियाओं को भी ई-निविदा प्रक्रिया के जरिये गति प्रदान की जा रही है।
आरएफपी व आरएफक्यू माध्यम से प्रक्रिया को दी जा रही गति
जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास व ऑपरेशंस को पूर्ण करने का जिम्मा नोएडा इंटरनेशनल
एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) के पास है जिसका गठन वर्ष 2018 में हुआ था। वहीं, नवीन ओखला
औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा), ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्नीडा) तथा यमुना
एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा एयरपोर्ट के आस-पास आधारभूत अवसंरचनाओं के
विकास समेत तमाम परियोजनाओं को गति दी जा रही है। वहीं, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड
(वाईआईएपीएल) उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार के मानकों अनुरूप यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास
सुनिश्चित कर रही है। इस क्रम में, एनआईएएल व औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा विकास की
परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) तथा रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन
(आरएफक्यू) जैसी प्रक्रियाओँ के जरिए आवेदन मांगे जा रहे हैं।
कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं पर काम शुरू
जेवर एयरपोर्ट के समेकित विकास को लेकर सीएम योगी की मंशा अनुरूप एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की
गई थी जिसको तेजी से धरातल पर उतारने के प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। इस क्रम में, वाईआईएपीएल द्वारा
ई-निविदा में आरएफपी माध्यम से कन्सल्टेंट एजेंसी के लिए आवेदन मांगे गए हैं। यह प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप
के तौर पर कार्य करेगा जिससे प्रोजेक्ट गवर्नेंस के लिए समग्र परियोजना प्रबंधन, परियोजना प्रशासन संरचना
के विकास व व्यापक प्रक्रिया को पूर्ण करने का दायित्व दिया जाएगा। इसी प्रकार, ईवी चार्जिंग स्टेशंस को
स्थापित करने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आरएफपी माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं।
एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रिकल मेंटिनेंस तथा कैंटीन मैनेजमेंट के लिए जनशक्ति आबद्ध किए जाने के लिए
आरएफपी माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं। इसी प्रकार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्यूल स्टेशंस के
डिजाइन. डेवलपमेंट, कमीशनिंग, फाइनेंसिंग व ऑपरेटिंग के लिए अवॉर्ड ऑफ लाइसेंस के लिए एक्सप्रेशन ऑफ
इंट्रेस्ट के जरिए आवेदन मांगे गए हैं।