सुबह 7 बजे श्रीजी का अभिषेक व शांतिधारा हुई और शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भक्ति का संचार किया। भगवान की पहली शांतिधारा का सौभाग्य अनिल जैन व विजयंत जैन के परिवार को प्राप्त हुआ।
सिविल लाइन स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में जैनियों के इस पर्यूषण पर्व में आत्मशुद्धि की साधना की जाती है। 19 सितम्बर से शुरू हुए इस महापर्व पर जैन श्रद्धालु कोई हरी सब्जी, कोई एक बार, कोई रात में पानी पीने का त्याग करता है। कुछ लोग निर्जल के उपवास रखते हैं। इच्छा से कोई कोई त्याग करने का संकल्प लेता है। सुबह पूजा के दौरान जैन समाज के अध्यक्ष सुनील जैन ने कहा कि मानव जीवन में ड्यूटी की आवश्यकता है, ब्यूटी की नहीं। जीवन को कर्तव्य चाहिए सुंदरता नहीं, कर्तव्य आत्मा से होता है
पर्युषण महापर्व के नौवें दिन उत्तम अंकीचन धर्म पर महामंत्री आरके जैन ने कहा कि संसार में अपना कुछ भी नहीं। हमें जो भी मिला है वह छूटने के लिए है। सिकंदर का उदाहरण देते हुए बोले सिकंदर ने अपने दरबारियों से कहा था जब मेरी अंतिम यात्रा निकले तो कफन से हाथ बाहर निकाल देना। जिससे पूरे विश्व को मालूम चल जाएगा कि आदमी खाली हाथ ही वापिस जाता है। ।…जैन समाज के मीडिया प्रभारी अंकित जैन ने बताया कि गुरुवार को पर्व के दसवें दिन अंनत चौदस पर विश्व शांति के लिए संगीतमय विशेष पूजा और निर्वाण लड़डू भगवान को चढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर जैन समाज के संजय जैन,रमेश जैन,अजय जैन,इन्दर जैन,प्रदीप शर्मा,,अशोक जैन,संदीप जैन,शुभम जैन,हितेश जैन,संजीव जैन,संजीव जैन,राकेश जैन,संदीप जैन,,नितिन जैन,अरिहंत जैन,अनीता जैन,रंजना जैन,विकाश जैन,अभिनव जैन,पूजा जैन, शारदा जैन,प्रियांशी जैन,अर्पिता जैन,इंदु जैन,रजनी जैन,स्वाति जैन,प्रियंका जैन,महक जैन,आशिका जैन,शकुंतला जैन,अनिता जैन, समस्त जैन समाज उपस्थित रहे।