-देश भर से लगभग 4000 एथलीट सहित 7500 लोग लेंगे
हिस्सा
-यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी के अंडर-27 खिलाड़ी हिस्सा
लेंगे
-लखनऊ, वाराणसी, नोएडा तथा गोरखपुर में यूनिवर्सिटी गेम्स
का होगा आयोजन
-यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत 21 खेल प्रतियोगिताओं का
आयोजन
* लखनऊ, 6 अप्रैल।* यूपी में खेलों को बढ़ावा दे रही योगी
सरकार मई माह में दस दिवसीय ‘‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी
गेम्स-2022’’ का आयोजन करने जा रही है। इसमें देश भर से
लगभग 4000 एथलीट सहित 7500 लोग हिस्सा लेंगे। लखनऊ
में गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी और वाराणसी में क्लोजिंग
सेरेमनी होगी। यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी के अंडर-27
खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। ‘‘खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-
2022" का आयोजन उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ,
वाराणसी, नोएडा तथा गोरखपुर में किया जाएगा। साथ ही एक
गेम दिल्ली में भी आयोजित होगा। इसके अंतर्गत कुल 21
खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
बीबीडी यूनिवर्सिटी को खेल गांव बनाया जाएगा
प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गरीश
चन्द्र यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को केडी सिंह बाबू
स्टेडियम में आर्गनाइजिंग कमेटी की पहली बैठक हुई। इसमें
अपर मुख्य सचिव, डॉ नवनीत सहगल सहित आयोजन से जुड़े
सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर
पर खेल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आयोजन से
जुड़े सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। महिला
खिलाड़ियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा
जाए। आयोजन में लगे सभी कर्मियों की ट्रेनिंग कराई जाए।
गेम्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए।
खिलाड़ियों कोे आने-जाने, ठहरने, खाने, खेलने आदि में किसी
भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अपर मुख्य सचिव
खेल डॉ सहगल ने कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में
पूरे देश से 4000 एथलीट, 1200 सपोर्ट स्टाफ तथा 900
तकनीकी अधिकारी शामिल होंगे। इनकी सुविधा के लिए
विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग
1300 वालंटियर्स लगाए जाएंगे। सभी वालंटियर्स को प्रतिदिन
500 रुपए का मानदेय भी दिया जायेगा। डॉ नवनीत सहगल
ने कहा कि गेम्स के सफल आयोजन हेतु सभी चारों जनपदों
में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लोकल मैनेजमेंट कमेटी का
गठन किया गया है। बीबीडी यूनिवर्सिटी को खेल गांव बनाया
जाएगा। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले
खिलाड़ियों एवं सपोर्टिंग स्टाफ के लिए बेहतर परिवहन, खाने
एवं ठहरने की व्यवस्था होगी। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए
रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं एअरपोर्ट पर हेल्प डेस्क स्थापित
की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख
सचिव परिवहन एम वेंकटेश्वर लू सहित अन्य लोग उपस्थित
रहे।
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बुनियादी सुविधाओं से जोड़े जा रहे 200 से अधिक नगर
पालिका और नगर पंचायतः सीएम योगी
-सीएम ने कहा-नगर पंचायतों में रखा जा रहा है ईज ऑफ
लिविंग का पूरा ध्यान
-प्रमुख शहरों के आसपास भी जल्द चलते दिखाई देंगे
इलेक्ट्रिकल व्हीकल्सः योगी
-विकास के लिए चुनाव आवश्यक नहीं, विकास से नहीं रहेगा
कोई भी वंचितः सीएम
6 अप्रैल, लखनऊ: सीएम योगी ने परियोजनाओं के लोकार्पण
और शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि पिछले 6 वर्ष में 200 से
अधिक नगर पालिका और नगर पंचायतों का गठन हुआ। अब
उन्हे बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना है। ऐसे में नगर पंचायतों
के चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, जहां इज ऑफ लिविंग
का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सीएम ने कहा कि नगर विकास
के बगैर अन्य व्यवस्थाओं को गति नहीं दी जा सकती है।
जिन नगर निकायों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चलायी गई, उनके
आस-पास के शहरों से इनकी नई डिमांड आ रही है। वो दिन
दूर नहीं जब सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली में भी आपको
इलेक्ट्रिक व्हीकल चलते दिखाई देंगे।
विकास का चुनाव से नहीं कोई नाता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के पांच शहरों
में मेट्रो चल रही है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश में ही सर्वाधिक
मेट्रो का संचालन हो रहा है। आगरा में इस वर्ष के अंत तक
मेट्रो को संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दुनिया
की सबसे प्राचीन नगरी काशी में रोपवे के कार्य को तेजी से
आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के
तहत जिन 240 नगर निकायों का विस्तारीकरण हुआ था।
जैसे लखनऊ नगर निगम में कई गांव आए, पहले की सरकारों
के समय में वहां पर विकास तब होता था जब वहां चुनाव
होते थे। लेकिन हमने आते ही कहा कि विकास के लिए
इंतजार क्यों करना। चुनाव जब होंगे तब होंगे लेकिन विकास
से कोई वंचित नहीं होना चाहिए।
9.31 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को दी गई 204565 करोड़ की राशि
सीएम ने आगे कहा कि इसके अलावा मुख्यमंत्री नगरीय
अल्पविकसित बस्ती योजना के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का
कार्य हुआ। पहली बार आपने देखा होगा स्ट्रीट वेंडर जिन्हें
पहले कोई नहीं पूछता था,वह हर जगह प्रताड़ित होते थे,
शोषण का शिकार होते थे, लेकिन पहली बार प्रधानमंत्री जी ने
स्ट्रीट वेंडर के लिए कोई योजना बनाई और स्ट्रीट वेंडर का
व्यवस्थित रजिस्ट्रेशन, उन्हें बैंक के साथ जोड़ना, डिजिटल
पेमेंट के साथ जोड़ने के साथ ही ब्याज पर ऋण उपलब्ध
करवाने की कार्रवाई की गई। मुझे लगता है कि देश के अंदर
सर्वाधिक स्ट्रीट वेंडर को जोड़ने वाला यानी इसके अंतर्गत 9
लाख 31 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर को अब तक 204565
करोड़ रुपए की राशि वितरण करने का कार्य भी यहां हुआ है।
आप सोचिए 931000 परिवारों के जीवन में परिवर्तन करना
कोई संवेदनशील सरकार ही सोच सकती है और सरकार की
योजना का ही परिणाम है की दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय
योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत भी शहरी
क्षेत्र में उन माताओं के लिए, उन बहनों के लिए भी कार्य हुआ
है जो घर-गृहस्थी के कार्य करने के बाद घर में बैठी रहती
थीं। वह महिला स्वयंसेवी समूह से जुड़कर बहुत सारे कार्य
कर सकती हैं, अलग-अलग वार्डों में, अलग-अलग निगम में
सरकार के कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकती हैं।
Box
अपना और परिवार का उल्लू सीधा करने वाले किसी के
हितैषी नहीं
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में
कोरोना काल खंड में पूरे देश में जिस तरह जनमानस फ्री में
टेस्ट, वैक्सीन, उपचार और राशन की सुविधा दी गयी, उस
सफल मॉडल की पूरी दुनिया सराहना कर रही है। ये उन सब
की आंखें खोलने वाला है जिन्होंने आजाद भारत को जाति,
क्षेत्र, भाषा समेत तमाम वादों के आधार पर बांटा था। यह उन
सभी की आंखों को खोलने वाला है कि जाति, मत और मजहब
के नाम पर बांटने वाले लोग वास्तव में किसी के हितैषी नहीं
होते हैं। इनका विकास से कोई लेना-देना नहीं होता। इनको
गरीबों से कोई लेना-देना नहीं होता। ये केवल अपना और
परिवार का उल्लू सीधा करना चाहते हैं और इसके लिए यह
लोग हमेशा किसी ना किसी प्रकार का कोई ना कोई स्वांग
रचते हैं, जिसे देश और पूरे प्रदेश ने महसूस किया है।
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नल कनेक्शन देने के मामले में यूपी ने राजस्थान को भी
पछाड़ा
– योगी सरकार को हर घर नल योजना में हासिल हुई बड़ी
उपलब्धि
– 97 लाख से अधिक परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने
वाला राज्य बना यूपी
– नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजना से
प्रतिदिन लगभग 40 हजार से अधिक ग्रामीणों को दिये जा
रहा नल कनेक्शन
लखनऊ, 6 अप्रैल। योगी सरकार ने हर घर नल योजना में
एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नल कनेक्शन देने के
मामले में यूपी ने जहां राजस्थान को पछाड़ा है वहीं सबसे
अधिक नल कनेक्शन देने में देशभर में वो तीसरे स्थान पर
पहुंच गया है। यूपी ने गुरुवार तक 97 लाख से अधिक
ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचा दिये हैं। इसके साथ
ही जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से पांच करोड़
से अधिक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलने लगा है।
आंकड़ों के मुताबिक यूपी ने गुरुवार तक 97,11,717 से अधिक
परिवारों तक टैप कनेक्शन पहुंचा दिये हैं। योजना से
5,82,70,302 से अधिक ग्रामीण लभान्वित हो रहे हैं। जबकि
राजस्थान में 39,33,140 टेप कनेक्शन दिये गये हैं।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव
अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार यूपी के 36.59 प्रतिशत ग्रामीण
परिवारों तक हर घर जल पहुंचाने का सरकार का संकल्प पूरा
हो चुका है। जबकि राजस्थान में 36.47 प्रतिशत ग्रामीण
परिवारों तक हर घर जल पहुंचा है। यूपी में जहां प्रत्येक दिन
लगभग 40 हजार से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन दिये
जा रहे हैं। वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा 5 हजार से अधिक
है। मुख्यमंत्री की ओर से हर घर जल योजना की निरंतर
समीक्षा के फलस्वरूप बीते फरवरी माह में ही यूपी ने झारखंड
और पश्चिम बंगाल को पछाड़ कर 81 लाख से अधिक
परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने की उपलब्धि हासिल की
थी। अधिकारी के अनुसार भारत सरकार की जल जीवन
मिशन योजना को योगी सरकार सबसे तीव्र गति से लक्ष्य की
ओर पहुंचा रही है। बहुत जल्द उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में नम्बर वन होने जा रहा है।
हमारा लक्ष्य गांव, गरीब, किसान को घर-घर तक स्वच्छ
पेयजल पहुंचाना है।
नल कनेक्शन देने वाले टॉप 5 राज्य
राज्य नल कनेक्शनों की संख्या
बिहार 1,59,10,093
महाराष्ट्र 1,09,98,678
यूपी 97,11,717
गुजरात 91,18,449
तमिलनाडु 79,62,581
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दुनिया के 20 दिग्गज देशों के प्रतिनिधियों के वेलकम के लिए
तैयार हुई काशी
– मोदी-योगी सरकार ने वाराणसी को किया वैश्विक आयोजनों
के लिए तैयार
– जी-20 समिट की मेजबानी के रूप में वाराणसी को मिला
बेहतरीन अवसर
– विश्व की आर्थिक महाशक्ति कहे जाने वाले 20 देशों के
महत्वपूर्ण डेलीगेट्स आ रहे काशी
– 17 से 19 अप्रैल तक वाराणसी में आयोजित होगी जी-20
एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की मीटिंग
वाराणसी, 6 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को
धाराताल पर उतारते हुए उत्तर के प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने वाराणसी की तस्वीर बदल दी है। पुरातन और
आधुनिक संस्कृति को जोड़ते हुए काशी का ऐसा कायाकल्प
हुआ की वाराणसी अब अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए पूरी
तरह तैयार हो चुकी है। वाराणसी में जी-20 की छह बैठकें
होनी हैं, जिसमें विश्व के 20 शक्तिशाली देशों के प्रतिनिधि
शामिल होंगे। विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए वाराणसी में
प्रशासन मिशन मोड में जुटा हुआ है। वाराणसी में जी-20 को
लेकर 17 से 19 अप्रैल तक तीन दिवसीय एग्रीकल्चर वर्किंग
ग्रुप की मीटिंग का आयोजन होने जा रहा है।
पूरे विश्व में काशी नगरी सनातन धर्म, अध्यात्म और संस्कृति
के धरोहर के रूप में जानी जाती है। मोदी-योगी सरकार ने
काशी में विकास की गंगा ऐसी बहाई है, जिससे इस प्राचीन
नगरी का निरंतर चतुर्दिक विकास हो रहा है। आज वाराणसी
विकास के मॉडल के रूप में उभरा है। यही कारण है कि ये
शहर पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद दर्ज कर रहा है। इसके साथ
ही अब काशी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए भी पूरी तरह से
तैयार है। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी
वासुदेवन ने बताया कि जी-20 समिट में अंतरराष्ट्रीय
डेलीगेट्स के प्रस्तावित मार्गों जिसमें, लालबहादुर शास्त्री
इंटरनेशनल एयरपोर्ट, शिवपुर मार्ग, चौकाघाट से पड़ाव और
नामोघाट समेत अन्य जगहों पर 30 डबल साइड बैकलिट
एलईडी यूनिपोल लगाए जा रहे हैं। ये यूनिपोल जी-20
मेहमानों का ख़ास अंदाज में स्वागत करेंगे।
जी-20 समिट के दौरान वाराणसी को अपनी ब्रांडिंग का एक
बेहतर अवसर मिला है। नई काशी को दुनिया के सामने
प्रस्तुत किया जाएगा। जी-20 की वाराणसी में होने वाली बैठकों
में दुनिया के आर्थिक महाशक्ति वाले 20 देशों के राजनयिक,
ब्यूरोकेट्स और अन्य महत्वपूर्ण डेलीगेट्स काशी आएंगे। जो
काशी की विरासत की नई तस्वीर अपने साथ ले जाएंगे।
इसका लाभ आने वाले समय में वाराणसी के पर्यटन उद्योग
को मिलना तय माना जा रहा है। बता दें कि काशी में जी-20
की 6 बैठकों का आयोजन हो। यूपी के चार शहर जहां जी-20
की बैठकों का आयोजन हो रहा है, उसमें वाराणसी की संख्या
सर्वाधिक है। अप्रैल माह में 17 से 19 तारीख तक तीन
दिवसीय एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक की मेजबानी काशी
करने जा रही है। इसके अलावा जून माह में जी-20 की यूथ
ट्वेंटी समिट का आयोजन होगा। वहीं अगस्त माह में चार
अलग अलग ग्रुप की मीटिंग भी काशी में आयोजित होगी।
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100 करोड़ से शुरू होगी आकांक्षी नगर योजना
-नगर विकास विभाग ने 3 माह के बजट व्यय के लिए
प्रस्तुत की कार्ययोजना
-नीति आयोग के सहयोग से 16 पैरामीटर्स पर चयनित होंगे
100 आकांक्षी नगर निकाय
-प्रदेश के धार्मिक नगरीय निकायों में 50 करोड़ से अवस्थापना
सुविधाएं होंगी विकसित
लखनऊ, 6 अप्रैल। नगरीय निकायों को और सुदृढ़ बनाने और
उनकी क्षमता को विस्तार देने के लिए योगी सरकार आकांक्षी
नगर योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना के
क्रियान्वयन के लिए नगर विकास विभाग द्वारा 100 करोड़
रुपए का बजट रखा गया है। आगामी तीन माह में नगर
विकास विभाग इस बजट का उपयोग करते हुए निर्धारित
पैरामीटर्स के आधार पर 100 आकांक्षी निकायों का चयन
करेगा। साथ ही संबंधित जनपदों में सीएम फेलो की भी
तैनाती की जाएगी। नगर विकास विभाग द्वारा 2023-24 में
नई मांग के माध्यम से संचालित योजनाओं में आवंटित बजट
को आगामी तीन माह में व्यय किए जाने की कार्ययोजना के
जरिए इसकी पुष्टि की है। योगी सरकार ने नगर निकायों के
समुचित विकास के लिए यह कदम उठाया है। उम्मीद की जा
रही है कि इस योजना के माध्यम से नगरीय निकायों में
काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अलावा योजनाओं के
कार्यान्वयन में भी तेजी आएगी।
16 पैरामीटर्स पर जनपदों से किया जाएगा डेटा कलेक्शन
आगामी तीन माह की कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण में नगर
विकास विभाग ने बताया है कि विषयगत परियोजना के
क्रियानव्यन के लिए नीति आयोग के सहयोग से 16
पैरामीटर्स विकसित किए जाएंगे। इन पैरामीटर्स द्वारा जनपद
स्तर से डेटा कलेक्शन की कार्यवाही की जाएगी। डेटा
कलेक्शन के आधार पर प्रदेश से 100 आकांक्षी निकायों का
चयन किया जाएगा। इन सभी चयनित 100 आकांक्षी निकायों
के साथ विषयगत योजना का शुभारंभ किया जाएगा। इसके
साथ ही संबंधित जनपदों में विषयगत योजना के लिए सीएम
फेलो की भी तैनाती की जाएगी। ये सीएम फेलो सीडीओ व
डीएम के अंतर्गत काम करेंगे और काम की गुणवत्ता
सुनिश्चित करने के अलावा योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी
लाएंगे।
50 करोड़ से धार्मिक नगरीय निकायों में मूलभूत सुविधाओं
का विकास
इससे इतर, नगर विकास विभाग 50 करोड़ से प्रदेश के धार्मिक
एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में
मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का भी विकास करेगा।
विषयगत परियोजना के लिए एसओपी (दिशानिर्देश) का
निर्माण करते हु संबंधित डीएम द्वारा प्रस्ताव प्राप्त किया
जाएगा, जिस पर कार्ययोजना तैयार होगी। प्रस्तावित
कार्ययोजना का सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद
प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाएगी। यही नहीं,
विभाग 15 करोड़ की लागत से नगर पालिका परिषद मऊ में
स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों की स्मृति में सभागार का भी
निर्माण करेगा। इसके लिए राजस्व विभाग की भूमि नगर
विकास विभाग को उपलब्ध कराए जाने के लिए कैबिनेट से
मंजूरी ली जाएगी। परियोजना की कार्ययोजना का सक्षम स्तर
से अनुमोदन प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए
प्रथम किस्त के रूप में देय धनराशि अवमुक्त की जाएगी।