मुझे प्रसन्नता है कि आज एक महत्वपूर्ण एमओयू निष्पादन के कार्य सम्पन्न हुआ है। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत चयनित जनपद अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में विकसित किए जा रहे हवाईअड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का सहयोग मिल रहा है।
यह एयरपोर्ट ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में कतिपय कारणों से पीछे छूट गए थे। श्रावस्ती, सोनभद्र और चित्रकूट तो आकांक्षात्मक जनपद हैं। यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को नये पंख लगेंगे।
आजमगढ़ जो पूरब में है, वहां 05 वर्ष पूर्व कोई सोच नहीं सकता था कि यहां एयरपोर्ट बनेगा। लोग डरते थे यहां के नाम से। हमने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ के बीच से निकाला। लोग कहते थे कैसे होगा, जब काम शुरू हुआ तो कहीं एक विरोध नहीं हुआ। प्रधानमंत्री जी के हाथों इसका लोकार्पण हुआ।
अलीगढ़ जो कि हार्डवेयर का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरीडोर का एक नोड स्थापित कर रहे हैं। जल्द ही यहां बेहतर एयर कनेक्टिविटी सुविधा होगी।
चित्रकूट रामायण सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने वनवास के सर्वाधिक समय यहीं व्यतीत किया था। यहां ऊंचाई पर पहाड़ी पर बहुत सुंदर एयरपोर्ट बन रहा है। मैंने देखा है।
श्रावस्ती पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। भगवान राम के पुत्र की राजधानी रही है तो भगवान बुद्ध ने अपने जीवन काल में सर्वाधिक चातुर्मास यहीं व्यतीत किये थे। अब यहां से वायुसेवा शुरू होने जा रही है।
सोनभद्र कभी नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। लेकिन यह प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। माइनिंग के लिहाज से बहुत समृद्ध है। यही नहीं, जनजातीय समाज का उद्गम सोनभद्र ही है। यहां वायु सेवा आवश्यक थी, जिसे हम पूरा कर रहे हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारंभ की गई ‘उड़ान’ योजना का उत्तर प्रदेश ने अत्यधिक लाभ प्राप्त किया है। 2017 से पहले प्रदेश में मुख्यतः लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे। गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से क्रियाशील एयरपोर्ट थे। तब 04 एयरपोर्ट से मात्र 25 गंतव्यों तक वायुसेवा उपलब्ध थी, आज 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं और 10 पर काम जारी है। आज 75 गंतव्यों तक वायुसेवा की सुविधा है। यह तब है जबकि बीते 02 वर्ष से हम कोरोना का सामना कर रहे हैं।
2017 के पहले गोरखपुर से दिल्ली तक केवल एक फ्लाइट थी। आज 14 उड़ानें हैं और मैं जब पूछता हूँ तो पता लगता है कि सभी भरकर आती हैं और भरकर ही जाती हैं इसने गोरखपुर के विकास को नई गति दी है। इसी प्रकार मात्र 11 माह में एयरपोर्ट तैयार कर प्रयागराज कुम्भ के लिए अच्छी वायुसेवा दी।
उत्तर प्रदेश अतिशीघ्र 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने जा रहा है। वर्तमान में वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जबकि जेवर और अयोध्या में निर्माण जारी है।
25 करोड प्रदेशवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी-अच्छी वायुसेवा देना शासन का दायित्व है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हम इस दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। वायुसेवा सामान्य कनेक्टिविटी सुविधा भर नहीं है, बल्कि पर्यटन संवर्धन को भी गति देने में उपयोगी हैं। बेहतर वायुसेवा की प्रधानमंत्री जी की संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान करेगा।
CM ने इन सभी एयरपोर्ट्स को एयर बस ए-320 के मानकों के अनुसार विकसित करने के निर्देश भी दिए गए। इस सम्बन्ध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से शीघ्र ही सर्वे की प्रक्रिया कराकर भूमि क्रय के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए !!