उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली नयी सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा सोमवार शाम को हो गया. योगी ने गृह, सामान्य प्रशासन, आवास एवं शहरी नियोजन, नियुक्ति, कार्मिक, निर्वाचन, सूचना और राजस्व सहित 34 अहम विभाग अपने पास रखे हैं. सरकारी प्रवक्ता ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. राज्य में हवाई संपर्क के विस्तार को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नागरिक उड्डयन विभाग भी अपने पास रखा है, जो पहले उनके कैबिनेट सहयोगी नंद गोपाल नंदी के पास था. नंदी इस दूसरे कार्यकाल में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन सहित चार विभाग का कामकाज देखेंगे. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ग्रामीण विकास एवं समग्र ग्राम विकास और ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर एवं सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकीकरण विभाग सहित छह विभागों का प्रभार सौंपा गया है. इसमें बताया गया है कि प्रदेश के दूसरे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. पिछली सरकार में पाठक कानून मंत्री थे.र, वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार खन्ना को वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री विभाग की जिम्मेदारी मिली है. खन्ना यह विभाग योगी के पहले मंत्रिमंडल में भी संभाल रहे थे. इसमें बताया गया है कि सूर्य प्रताप शाही को कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग दिया गया है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को जल शक्ति और बाढ़ नियंत्रण विभाग की कमान सौंपी गई है. प्रवक्ता के मुताबिक, बेबी रानी मौर्य को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग तो नंद गोपाल नंदी को औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन विभाग मिला है. उन्होंने बताया कि पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग दिया गया है. जितिन प्रसाद योगी सरकार में लोक निर्माण विभाग की कमान संभालेंगे. योगी के पिछले मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास था. भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के संजय निषाद को मत्सय विभाग और अपना दल (एस) के नेता आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट माप विभाग दिया गया है. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) में पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और इस चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे नितिन अग्रवाल को आबकारी एवं मध्य निषेध, जबकि पूर्व मंत्री और पत्नी स्वाति सिंह के साथ विवादों में आए दयाशंकर सिंह को परिवहन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.