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विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा. 28 दिसंबर से एमपी में विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. लव जिहाद केस में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि एक लाख जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है. इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले गैर-जमानती होंगे. इस अधिनियम के अस्तित्व में आते ही ‘मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्रया अधिनियम 1968’ निरसित हो जाएगा.