कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड की जांच सीबीआई जारी रखेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जियाउल हक की हत्या में रघुराज प्रताप सिंह की भूमिका की जांच जारी रहेगी. जियाउल की पत्नी की याचिका पर न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आदेश पारित किया. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए ट्रायल कोर्ट का आदेश बहाल कर दिया.ट्रायल कोर्ट ने रघुराज प्रताप और सहायक के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश दिया था. बता दें कि प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में डीएसपी जियाउल हक की 2 मार्च 2013 की रात हत्या कर दी गई थी. जियाउल प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद बवाल और आगजनी की सूचना पर बलीपुर गांव पहुंचे थे. लाव लश्कर के साथ पहुंचे जियाउल हक पर घातक हमला कर दिया गया. जियाउल हक को गोली भी मारी गई थी.हमले में डीएसपी की मौत हो गई. शासन ने हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी. सीबीआई ने रघुराज प्रताप सिंह और गुलशन यादव समेत चार सहयोगियों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. साल 2014 में ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. ट्रायल कोर्ट के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सीबीआई को जांच जारी रखने के ट्रायल कोर्ट का फैसला बहाल कर दिया.