जैनियो के आत्मशुद्धि के महापर्व पर्युषण महापर्व 19 सितंबर से तप जप आराधना और साधना विविध धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया जायेगा। जिसकी तैयारी जैन मंदिर में जोरो से चल रही है।मंदिर को विधुत झालरों से सजाया गया है । साथ ही शाम को सामूहिक आरती तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। दस दिनों तक जैन समाज के अध्यक्ष सुनील जैन के सानिध्य में सामूहिक पूजा चलेगी।
सिविल लाइन स्थित दिगंबर जैन मंदिर में 19 सितंबर से 28 सितंबर तक सभी जैन श्रद्धालु धर्म आराधना और आत्मसाधना करंगें। पर्युषण पर्व के दौरान अध्यक्ष सुनील जैन के सानिध्य में सुबह मंदिरों में भगवान के अभिषेक, शांतिधारा व नित्य नियम की पूजा के साथ ही प्रवचनों भी होंगे। पर्युषण महापर्व के दौरान जैन श्रद्धालू अपनी शक्तिनुसार उपवास रखते है। पूरी तरीके से जैन धर्म का पालन करते है।। कई परिवारों में पर्यूषण पर्व में दिन में बस एक ही बार खाना बनता है। जो एकासन व्रत रखता है वह सिर्फ एक ही बार बैठकर खाना खाता है और पानी भी एक ही बार लेता है। फिर दोबारा कुछ नहीं खाया जाता। इन दस दिनों तक लोग बाहर का कुछ नहीं खाते। विशेष तौर पर हरी पत्तेदार सब्जियां और धरती के नीचे उगने वाली सब्जिया खाना वर्जित माना गया है।दस दिनों तक मंदिरों में विशेष आयोजन और प्रतियोगिताएं होंगी।
जैन समाज के मीडिया प्रभारी अंकित जैन ने बताया कि जैन धर्मावलंबी 19 सितंबर को पर्युषण महापर्व पर्व की शुरुवात उत्तम छमा से करंगें। दूसरे दिन उत्तम मार्दव, तीसरे दिन उत्तम आर्जव, चौथे दिन उत्तम सत्य, पांचवें दिन उत्तम शौच, छठे दिन उत्तम संयम, सातवें दिन उत्तम तप, आठवें दिन उत्तम त्याग, नौवें दिन उत्तम आकिंचन तथा दसवें दिन ब्रह्मचर्य तथा अंतिम दिन क्षमावाणी के रूप में मनाया जाएगा। पर्व के दौरान शास्त्री जी प्रवचन भी देंगे।