-सीएम योगी ने मंडल स्तर पर फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का
आयोजन करने के दिए निर्देश
आयोजन से उत्पादकों को मिलेगा प्रोत्साहन, वैज्ञानिक ढंग से
उत्पादन, रखरखाव तथा विपणन की मिलेगी जानकारी
लखनऊ,: मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने फल, शाकभाजी,
पुष्प, मौन पालन, औषधीय पौधों के उत्पादकों और खाद्य प्रसंस्करण
उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए प्रदेश में मंडल स्तर पर
फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन करने के निर्देश दिये
हैं। इससे जहां एक ओर किसानों की आय बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर लघु
उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकेगा। सीएम योगी ने कहा
कि इस तरह के आयोजन से औद्यानिक क्षेत्र के उत्पादकों को
प्रोत्साहन मिलने के साथ उन्हे वैज्ञानिक ढंग से उत्पादन, रखरखाव
तथा विपणन की नई तकनीक सीखने को मिलेगी।
13 मंडलों में प्रदर्शनी के लिए तैयारियां अंतिम दौर में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष बैठक में उद्यान एवं खाद्य
प्रसंस्करण निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि अब तक मंडल
स्तर पर आगरा, लखनऊ में फल, शाकभाजी एपं पुष्प प्रदर्शनी का
आयोजन किया जा चुका है जबकि प्रयागराज में 24 से 25 फरवरी,
वाराणसी में 25 से 26 फरवरी और सहारनपुर में 14 से 17 मार्च के
बीच प्रदर्शनी का आयोजन किया जाना है। इसके अलावा अन्य मंडल
अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, गोरखपुर, बस्ती, झांसी,
चित्रकूट धाम, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद और मीरजापुर में प्रदर्शनी को
लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है, लेकिन अभी डेट फाइनल नहीं हुई
है। सीएम योगी को अधिकारियों ने बताया कि मार्च तक बचे सभी
मंडल में प्रदर्शनी का आयोजन कर दिया जाएगा। साथ ही प्रदर्शनी में
प्रतियोगिता को दो श्रेणी में बांटा गया है। प्रतियोगिता में शामिल होने
वाले प्रतिभागियों के लिए नियम भी निर्धारित कर दिए गए हैं।
पहली श्रेणी में शाकभाजी, हाइब्रिड शाकभाजी, पाॅली हाउस में उत्पादित
सब्जियों, जैविक शाकभाजी, फल, विशिष्ट फल, मशरूम, फल संरक्षण,
शहद एवं पान के पत्तों की प्रतियोगिता को रखा गया है।
यह है प्रतियोगिता की दूसरी श्रेणी
– सदाबहार पत्ती, फूल, अन्य गमलों के पौधे, गमलों में जाड़े के मौसमी
के फूलों के पौधे, मेडिसिन प्लांट्स तथा मौसमी फूलों के गमले, गमलों
में लगी शाकभाजी प्रतियोगिता
– गमलों के कलात्मक समूह की प्रतियोगिता
– पॉलीहाउस में उत्पादित विभिन्न प्रजातियों के पुष्प, गुलाब तथा
डहेलिया आदि के कटे पुष्पों की
– औषधीय सकुलेन्ट्स, कैक्टस बोनसाई पौधों की प्रतियोगिता
– वर्टिकल गार्डेन, फूलों से बनी आकृतियों की प्रतियोगिता
– कलात्मक पुष्प सज्जा, रंगोली की प्रतियोगिता
करीब साढ़े तीन करोड़ से सभी मंडलों पर आयोजित की जा रही
प्रदर्शनी
बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि प्रदेश में मंडल
स्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए बजट भी आवंटित कर
दिया गया है। 18 मंडलों में प्रदर्शनी के लिए 3 करोड़ 42 लाख 99 हजार
रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक मंडल में 19 लाख 5 हजार
5 सौ रुपये प्रदर्शनी के लिए खर्च किए जा रहे हैं। प्रदर्शनी को भव्य
बनाने के लिए मंडल स्तर पर फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी
कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है।
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खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे परिषदीय स्कूलों के छात्र
-योगी सरकार की पहल, शिक्षकों को छात्रों के साथ बनाने होंगे
आत्मीय संबंध
-विभिन्न खेल एवं कल्चरल एक्टिविटीज के माध्यम से पढ़ाई को
बनाना होगा रोचक
-मार्च के अंतिम सप्ताह तक चलाया जाएगा अभियान, वरिष्ठ
अधिकारी करेंगे समीक्षा
लखनऊ, 24 फरवरी। परिषदीय स्कूलों के बच्चों में लर्निंग आउटकम
(सीखने की प्रक्रिया) को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार कई तरह
के प्रयोग कर रही है। इसके तहत अब शिक्षकों को विभिन्न
गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के साथ आत्मीय संबंध बनाने के
लिए प्रेरित किया जा रहा है। शिक्षकों से छात्रों के साथ दोस्ताना
व्यवहार करने और उनके साथ विभिन्न गतिविधियों में सहभागी
बनने को कहा गया है, ताकि वो अनुकूल माहौल में बेहतर प्रदर्शन कर
सकें। इसके लिए बकायदा टाइमलाइन भी तय की गई है, जिसमें
शिक्षकगण छात्रों के साथ भ्रमण के अलावा विभिन्न खेलकूद और
अन्य आयोजनों के माध्यम से उनकी सीखने की प्रक्रिया को और
बेहतर करेंगे। इस टाइमलाइन के अनुसार शिक्षकों को गतिविधियों का
आयोजन करने के साथ ही प्रत्येक शुक्रवार तक इसके फोटोग्राफ्स को
भी प्रेरणा एप पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
गतिविधि कैलेंडर का करना होगा अनुसरण
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने आदेश में कहा है
कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को गतिविधि कैलेंडर के हिसाब से
विद्यार्थियों के साथ आत्मीय संबंध को प्रगाढ़ करना है। गतिविधि
कैलेंडर के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ निर्दश भी जारी किए गए
हैं। इसके अंतर्गत शिक्षक संकुल की बैठकों में इन गतिविधियों के
आयोजन पर चर्चा करते हुए आवश्यक्तानुसार प्रस्तुतिकरण किया
जाए। एसआरजी, एआरपी, डायट मेंटर द्वारा प्रत्येक सप्ताह विद्यालय
पर्यवेक्षण के दौरान प्रेषित गतिविधियों के अनुसार शिक्षण कार्य कराने
के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करते हुए सहयोग भी किया जाए।
इसकी मॉनीटरिंग भी बेहद आवश्यक है। इसलिए प्रेरणा एक्टिविटी
मॉड्यूल में अनिवार्य रूप से प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों द्वारा
गतिविधियों को अपलोड किया जाए। शिक्षकों को इस गतिविधि के
लिए सम्मानित किए जाने का भी प्रावधान है। इन सभी गतिविधियों
को विद्यालयवार, विकासखंडवार एवं जनपदवार समीक्षा खंड शिक्षा
अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से की
जाएगी।
बढ़ाई जाएगी कांप्टीशन की भावना
शिक्षक और छात्रों के बीच अच्छे संबंधों के लिए चलाए जा रहे इस
अभियान के लिए गतिविधि कैलेंडर जारी किया गया है। इस कैलेंडर
के अनुसार फरवरी के तीसरे सप्ताह में शिक्षकों को भ्रमण कार्यक्रम
का आयोजन करना होगा। इसके माध्यम से छात्रों को विद्यालय के
आसपास के खेत, डाकघर, कारखाने एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण
कराया जाएगा और इसके विषय में जानकारी दी जाएगी। इसी तरह
चौथे सप्ताह में टीम बिल्डिंग एक्टिविटी और कांप्टीशन कराया
जाएगा। इसमें बच्चों को टीमों में बांटकर स्थानीय खेल जैसे पिट्ठू,
कबड्डी, क्रिकेट, कैरम, बैडमिंटन आदि खेलों का आयोजन होगा। मार्च
के शुरुआती सप्ताह में सिचुएशन बेस्ड एक्टिविटी आयोजित की
जाएगी, जिसमें बच्चों को एक स्थिति (सिचुएशन) प्रदान करते हुए
उनकी समस्याओं को रचनात्मक रूप से हल करने और उनसे प्रश्न
पूछने की जिम्मेदारी होगी। जैसे अपने आसपास के वातावरण को कैसे
स्वच्छ रखा जाए, इत्यादि। मार्च के दूसरे सप्ताह में आउटडोर लर्निंग
एक्टिविटी कराई जाएगी। इसमें कक्षा के बाहर गोला बनाकर छात्रों को
व्यवस्थित करते हुए गतिविधि आधारित पाठ का संचालन किया
जाएगा। उदाहरण के तौर पर कहानी या कविता सुनाकर जैसे रिंगा-
रिंगा रोसेज कविता इत्यादि के माध्यम से कक्षा चलाई जाएगी।
स्पीकिंग और प्रेजेंटेशन पर भी किया जाएगा काम
कैलेंडर के अनुसार मार्च के तीसरे और चौथे सप्ताह भी शिक्षकों को
गतिविधियों का संचालन करना होगा। तीसरे हफ्ते क्रिएटिविटी बेस्ड
एक्टिविटी होगी। इसमें छात्र को 5-6 शब्द देकर इन शब्दों का प्रयोग
करते हुए एक ऐसी कहानी या कविता लिखवाई जाएगी जिसमें उसकी
रचनात्मकता प्रदर्शित हो सके। इसी तरह मार्च के आखिरी सप्ताह में
स्पीकिंग बेस्ड एक्टिविटी होगी। प्रत्येक छात्र को कक्षा में बोलने एवं
प्रस्तुतिकरण करने हेतु प्रेरित किया जाएगा। जैसे वाद-विवाद
प्रतियोगिता आयोजित करना। उदाहरण के तौर पर टीवी और मोबाइल
का प्रयोग करने के गुण एवं दोष पर चर्चा की जाए, जिसमें एक छात्र
द्वारा उसके गुणों के संबंध में एवं दूसरे छात्र द्वारा उसके दोषों पर
चर्चा की जाए।
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सात लाख करोड़ के बजट का ईंधन बनेंगे जीएसटी, आबकारी, स्टांप
और वाहन कर
– राजस्व संग्रह के लिए योगी सरकार ने तय किया पिछले बजट से
ज्यादा का लक्ष्य
– बीते साल की तुलना में इस बार के बजट में सरकार के राजकोषीय
घाटे में होगी और अधिक कमी
लखनऊ, 24 फरवरी। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए 33.52
लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करके सबको हैरत में डालने के
बाद योगी सरकार का मेगा बजट यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर
इकोनॉमी बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा। योगी सरकार ने हाल ही
में उत्तर प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट तकरीबन
सात लाख करोड़ रुपए (6,90,242.43 करोड़) का प्रस्तुत किया है।
इसके बाद हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहे हैं आखिर इतना
सारा धन सरकार कहां से लेकर आएगी। बजट में इसे लेकर अलग से
प्रावधान किये गये हैं। इसके तहत जीएसटी, आबकारी, स्टांप और
वाहन कर प्रदेश के जनकल्याणकारी बजट के महत्वपूर्ण स्रोत बनेंगे।
यही नहीं अबतक का सबसे बड़ा बजट होने के बावजूद प्रदेश के
राजकोषीय घाटे को भी बीते वर्षों की तुलना में कम करने का प्रयास
है, जो कि उल्लेखनीय है।
जीएसटी और आबकारी से दो लाख करोड़ से ज्यादा राजस्व प्राप्त
होने की उम्मीद
योगी सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्टेट जीएसटी और
वैल्यू एडेड टैक्स से 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए राजस्व के रूप में
प्राप्त करने का लक्ष्य बनाया है। इसके बाद आबकारी शुल्क से
राजस्व संग्रह का लक्ष्य 58 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया
है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 34
हजार 560 करोड़ रुपये सरकार ने निर्धारित किया है। वहीं वाहन कर
से 12 हजार 672 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है। बता दें कि
इस वित्तीय वर्ष के बजट में लगभग 32721.96 करोड़ रुपये की नई
योजनाएं शामिल की गयी हैं। इस वित्तीय वर्ष के बजट के लिए
सरकार को 5,70,865.66 करोड़ रुपये की प्राप्ति राजस्व से जबकि
1,12,427.08 करोड़ रुपये की पूँजीगत प्राप्ति होगी।
समेकित निधि के घाटे को काफी हद तक नियंत्रित करेगी सरकार
वहीं टैक्स के जरिए 4,45,871.59 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का
लक्ष्य है। इसमें प्रदेश का कर राजस्व 2,62,634 करोड़ रुपये, जबकि
केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1,83,237.59 करोड़ रुपये शामिल
होगा। सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले कुल
खर्च में से 5,02,354.01 करोड़ रुपये राजस्व लेखे से तथा 1,87,888.42
करोड़ रुपये पूँजी लेखे से किया जाएगा। वहीं उल्लेखनीय ये है कि
जहां पिछले वित्तीय वर्ष में कुल खर्च घटाने के बाद समेकित निधि पर
24 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा सरकार को सहना पड़ा था वहीं
इस वित्तीय वर्ष में सभी खर्च के बाद ये घाटा लगभग 6 हजार करोड़
रुपये पर सिमटकर रह जाने का अनुमान है।
राजकोषीय घाटे को भी नियंत्रण में रखेगा बजट 2023-24
यूपी की सत्ता संभालने के बाद प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने
के प्रयास में जी-जान से जुटी योगी सरकार ने 2023-24 के लिए मेगा
बजट प्रस्तुत करते हुए प्रत्येक सेक्टर को समृद्ध करने की योजना
तैयार की है। प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे भारी भरकम
बजट यूपी के विकास के मार्ग का प्रशस्त तो करेगा ही, साथ ही इस
बार राजकोषीय घाटे को भी जीडीपी के 3.48 प्रतिशत पर रखने का
लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले बजट का राजकोषीय घाटा 3.92
प्रतिशत था। वहीं राजस्व संग्रह पर भी योगी सरकार का विशेष जोर
है, जिनके दम पर प्रदेश में विकास और लोक कल्याण के विभिन्न
कार्यक्रम संचालित होंगे।