-उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए
प्रतिबद्ध सीएम योगी की मुहिम को मिली बड़ी सफलता
-एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों के साथ ही विभिन्न संस्थाओं के
साथ यूपीसीडा ने साइन किए 83 हजार करोड़ रुपए के एमओयू
-उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औद्योगिक इकाइयों की होगी
स्थापना, सृजित होंगे रोजगार के हजारों अवसर
-22 जनपदों में निवेशकों एवं उद्यमियों के साथ बैठकें आयोजित कर
औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए किया गया प्रोत्साहित
लखनऊ, 30 दिसंबर। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की
अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश
जुटाने की मुंख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप राज्य
औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते हुए बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अकेले यूपीसीडा प्राधिकरण
ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के
लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव निवेशकों से प्राप्त
किए है। इन निवेश प्रस्तावों में से 83 हजार करोड़ रुपए के आशय
पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इन एमओयू को 10-12
फरवरी 2023 को लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के
दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, जिससे जल्द ही निवेशक कंपनियों
द्वारा परियोजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स
समिट के जरिए उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर देसी और विदेशी निवेश
जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से यूपीसीडा ने इस लक्ष्य की
प्राप्ति की दिशा में अहम योगदान दिया है।
9 टीमों ने 22 जनपदों में कीं बैठकें
यूपीसीडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर
माहेश्वरी ने बताया कि प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन
डॉलर अर्थव्यस्था बनाने में पूर्ण रूप से प्रयासरत है। लक्ष्य की प्राप्ति
के लिए यूपीसीडा के वरिष्ठ अधिकारियों की नौ टीमों का गठन कर
प्रथम चरण में प्रदेश के 22 जनपदों में निवेशकों एवं उद्यमियों के
साथ निवेश बैठकें आयोजित की गईं। निवेश को प्रोत्साहित करने के
लिए गोष्ठियों में निवेशकों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इनमें मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, प्राइवेट
इंडस्ट्रियल पार्क, वेयरहाउसिंग, पेपर उद्योग, मेडिकल क्षेत्र, बायोफ्यूल,
खिलौना उत्पाद, डेटा सेंटर, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि क्षेत्रों में इकाई
स्थापित करने के लिए अपनी रुचि दिखाई है। यूपीसीडा प्राधिकरण के
सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 23 से
पूर्व प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर प्रदेश के
अन्य जनपदों में भी निवेश गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। साथ ही
सरकार की अन्य निवेश नीतियों का प्रचार-प्रसार कर नीतियों के
अंतर्गत निवेश कराते हुए अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने हेतु
निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
सृजित होंगे रोजगार के हजारों अवसर
यूपीसीडा ने जो एमओयू किए हैं, उनकी स्थापना के बाद हजारों लोगों
को रोजगार के अवसर मिलेंगे। जो प्रमुख एमओयू हुए हैं उनमें
गाजियाबाद में ग्रूपेकर्स नेटवर्क द्वारा 10,000 करोड़ के निवेश से
प्राइवेट पार्क स्थापित करने पर 10000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इसी तरह गौतमबुद्धनगर में मोबिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप द्वारा
8000 करोड़ के निवेश से लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस पार्क स्थापित
करने से 1000 लोगों को नौकरी मिलेगी। कानपुर में मेगा लेदर
क्लस्टर डेवलपमेंट (यूपी) लिमिटेड द्वारा 6000 करोड़ के निवेश से
लेदर उद्योग स्थापित करने पर दो लाख लोगों को रोजगार प्राप्त
होगा। प्रतापगढ़ में धरित्री सॉल्यूशन प्रा. लि. एसएमआरएम इनोवेटिव
वेंचर्स प्रा० लि. द्वारा 9000 करोड़ के निवेश से प्राइवेट इंडस्ट्रियल
पार्क स्थापित करने से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की
संभावना है। सोनभद्र में सिटी गोल्ड इंडस्ट्रियल प्रा.लि. द्वारा 3000
करोड़ के निवेश से सीमेंट प्लांट के माध्यम से एक हजार लोगों को
रोजगार मिल सकेगा तो लखनऊ में वेलस्पन व लॉजिस्टिक्स पार्क्स
प्रा. लि. द्वारा 2000 करोड़ के निवेश पर 100 लोगों को रोजगार
उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही हाई फ्लो इंडस्ट्रीज ने आगरा और
अयोध्या में 3-3 हजार, गाजियाबाद में 14 हजार करोड़, गोरखपुर में
1200 करोड़, कानपुर में 7500 करोड़, लखनऊ में 3500 करोड़, अलीगढ़
में 300 करोड़, प्रयागराज में 35000 करोड़, सूरजपुर में 9000 करोड़,
वाराणसी में 2000 करोड़ के निवेश के साथ ही सभी जनपदों में 5
लाख से अधिक लोगों के रोजगार सृजित होगे।
15 हजार एकड़ से अधिक का लैंड बैंक तैयार
निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु यूपीसीडा द्वारा 15 हजार एकड़
से अधिक का लैंड बैंक तैयार कर लिया गया है। इसी तरह
लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस स्थापना के लिए वाराणसी में इंडियन
कार्पोरेशन द्वारा 2000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया गया है।
इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में और भी कई निवेश हुए हैं जैसे कि
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 23000 करोड़ से अधिक, निजी औद्योगिक
पार्क क्षेत्र में लगभग 21000 करोड़, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में
लगभग 10000 करोड़, चमड़ा और जूता उद्योग में लगभग 6000
करोड़, गैर धात्विक और खनिज उत्पाद क्षेत्र में लगभग 4000 करोड़
और जैव ईंधन क्षेत्र में लगभग 850 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित
है।
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यूपीसीडा ने प्राप्त किया प्रथम लक्ष्य, और वृद्धि के हैं आसार
प्रदेश सरकार ने गुरुवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए होने
वाले निवेश के लक्ष्य को 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ कर
दिया है। इसके लिए सभी विभागों के पुराने निवेश लक्ष्यों को भी
संशोधित किया गया है। इस क्रम में यूपीसीडा का निवेश लक्ष्य भी
70 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक लाख करोड़ कर दिया गया है।
यूपीसीडा ने प्रथम लक्ष्य संशोधित किए जाने से पहले ही 80 हजार
करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिए हैं। संभावना है कि फरवरी में
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तक इस यूपीसीडा इस आंकड़े में और
अधिक वृद्धि कर सकता है।