रायबरेली। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से ईडी द्वारा लगातार पूछताछ के तीसरे दिन आज रायबरेली के कांग्रेसी नेताओं ने शहीद चौक पर जमकर हंगामा काटा नारेबाजी की और ईडी का पुतला फूंका। इस दौरान कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड वो नाम है, जिसको सुनते ही अंग्रेज हुकूमत में खलबली मच जाती थी । क्योंकि ये अख़बार गुलामी के उस दौर में आज़ादी के दीवानों का साथी था- एक ऐसा साथी, जो क्रांति का जोश भरता था, जो क्रांतिकारियों के विचारों को न केवल हिन्दुस्तान बल्कि दुनियाभर में पहुंचाता था और विदेशियों को नेशनल हेराल्ड के जरिए ही भारत की आज़ादी के आंदोलन और अंग्रेजी क्रूरता के बारे में पता चलता था। इससे भारतीयों के लिए आज़ादी की आवाज़ सीमाओं के बाहर से भी होने लगी और अंग्रेज हुकूमत पर उसका दबाव भी बनता जा रहा था। नेशनल हेराल्ड चर्चा में क्यों है ? इसके जवाब में उन्होंने कहाँ की ? सुब्रमण्यम स्वामी की एक शिकायत पर (FIR नहीं) ED ने सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, मोतीलाल वोरा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और ED ने शुरुआती जांच में पाया कि इस मामले में कोई केस बनता ही नहीं है। लिहाजा मामले को बंद कर दिया और ये साल था – 2015 यानि मोदी सरकार के समय । अब 2018-19 में ED ने इस मामले को फिर खोला और अब एक बार फिर इस मामले में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को समन भेजा है। राहुल गांधी से तीन दिनों से पूछताछ भी ईडी कर रही है। उन्होंने बताया कि ‘नॉट फॉर- प्रॉफिट’ की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक / प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रूप से कोई लाभांश, लाभ, वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं। इसलिए, सोनिया गांधी, राहुल गांधी या ‘यंग इंडियन’ में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न ही नहीं उठता। भाजपा सिर्फ हवा में तीर मारकर गाँधी परिवार को निशाना बना रही है।इस मौके पर धीरज श्रीवास्तव हाजी मोहम्मद उस्मान मुन्ना घोसी विनय द्विवेदी अजीत सिंह सहित तमाम कांग्रेसी नेता मौजूद रहे