लखनऊ, – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होने के समय तक नगर का हवाईअड्डा भी शुरु करने का लक्ष्य तय करके काम करने की जरूरत पर बल दिया है। योगी ने गुरुवार को अयोध्या अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए नागरिक उड्डयन विभाग और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच जमीन के लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होने के माैके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि 2023 में जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा और रामलला विराजमान हो चुके होंगे, तब तक मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में एयरपोर्ट को भी शुरु करने की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मदद करेगी। यह अर्थव्यवस्था को नयी ऊंचाई तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।
योगी ने कहा कि वर्तमान में उप्र में 10 नए एयरपोर्ट बनाने के लिए कार्रवाई चल रही है। प्रदेश में अभी तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर में एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने का काम युद्धस्तर पर प्रारम्भ हुआ है। साथ ही जब अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएगा तब उत्तर प्रदेश 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा और जब 10 नए एयरपोर्ट शुरु होंगे तो 19 एयरपोर्ट वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
उन्होंने कहा कि यह रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाने का माध्यम है ही, साथ ही लोगों की यात्रा को सरल, सुलभ और सहज बनाने का कार्य भी करेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन है, जब अयोध्या को वायुसेवा से जोड़ने के लिए भूमि लीज एग्रीमेंट राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच संपन्न हुआ है। आज नवरात्र का भी पावन दिन है। नवरात्र के आयोजन को ऊर्जा के संचार की तिथि माना जाता है। ऊर्जा सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है और जब विकास का यह प्रतीक अयोध्या से जुड़ा हो तो पूरी दुनिया को प्रफुल्तित करता है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की शुरूआत हुई है। इसके लिए राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच भूमि एग्रीमेंट होना महत्पूर्ण पहल है। देश के अंदर पांच वर्ष में बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए किसी राज्य ने अच्छी प्रगति की है तो उसमें उत्तर प्रदेश एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने विकास के लिए एयर कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण माना है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा हवाई चप्पल पहने वाले के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। इसी का परिणाम है कि 2017 में केवल दो एयरपोर्ट लखनऊ और काशी पूरी तरह से क्रियाशील थे, आज वर्तमान में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जहां 2017 तक 25 गंतव्यों तक वायुसेवा दे पा रहे थे, वहीं आज 75 गंतव्य के लिए के लिए वायुसेवा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में पहले चरण के लिए जिनती भूमि की आवश्यकता है, उतनी भूमि उपलब्ध करा दी गई है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मात्र 86 एकड़ भूमि बाकी है, इसे भी हम दो तीन महीने में इसके लिए कार्य को आगे बढ़ाएंगे। अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि के लिए धनराशि जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है। जितनी भूमि की आवश्यकता होगी उसे उपलब्ध कराएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के लिए कई द्वार खोलती है। तेजी के साथ प्रदेश में वायुसेवा का विकास हो रहा है। अयोध्या को देश की सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित किया जायेगा।