सलोन,रायबरेली।ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र समसपुर पक्षी विहार झील में आक्सीजन व दूषित पानी होने के कारण 24 घण्टे में हजारों मछलियो ने दम तोड़ दिया।देखते ही देखते पानी के ऊपर मछलियां आ गयी।जिसके बाद मौजूद विभाग के कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया।झील का दूषित पानी अन्य जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरा बन गया है।विभागीय जानकारी के मुताबिक झील से सटे ग्रामीणों के खेत मे धान की रोपाई के समय जहरीले कीटनाशक दवाओं के प्रयोग व आक्सीजन की कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है।सलोन ऊंचाहार मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थल समसपुर पक्षी विहार 799.371 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला है।जो जलीय जीव जंतुओं के लिए वरदान साबित होता है।परंतु लगातार हुई बारिश के बाद झील से सटे गांव के ग्रामीणों द्दारा धान की रोपाई वाले खेतों का जलस्तर बढ़ गया।और खेती के लिए प्रयुक्त किए गए कीटनाशक दवाओं का प्रभाव झील की ओर बढ़ता चला गया।साथ ही साथ विसेय्या नाला व गोड़वा हसनपुर नाले का दूषित पानी चारों ओर से झील के पानी में गिरने के बाद जलीय जीव जंतुओं के लिये एक बड़ा खतरा उतपन्न हो गया।गुरुवार को झील के किनारे हजारों की संख्या में मछलियां पानी के ऊपर दिखाई पड़ने लगी।जिसके बाद पक्षी विहार प्रशासन के हाथ पांव फूल गये।ड्यूटी पर तैनात गार्ड व सिपाहियों ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी।वही इस सम्बंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह समस्या प्रति वर्ष बरसात के दिनों में होती है।झील से जुड़े नालों के गंदे काले पानी के झील में गिरने के बाद मछलियों को ऑक्सीजन नही मिल पाता है।जिसके कारण मछलियां दम तोड़ देती है।जब कि झील के अंदर स्थित ग्रामीणों के खेतों में रोपाई के दौरान कीटनाशक दवाओं के उपयोग के बाद भी यह समस्या उतपन्न होती है।इस सम्बंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया जा चुका है।बजट मिलने के बाद इस मामले को गम्भीरता से लिया जायेगा।